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श्रीनगर गढ़वाल। अगले पांच वर्षों (2024-29) तक अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर, उत्तराखंड ने आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। यह एमओयू भविष्य में दोनों संस्थानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस दौरान दोनों संस्थानों के प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर के निदेशक प्रोफेसर ललित के. अवस्थी ने इस एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त की और इससे होने वाले पारस्परिक लाभों पर जोर दिया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. आर.सी. भट्ट, निदेशक – अनुसंधान विकास सेल (आरडीसी) प्रोफेसर हेमवती नंदन, प्रो. वाई पी रैवानी, प्रो. एमपी थपलियाल और एनआईटी श्रीनगर से प्रो. सनत अग्रवाल मौजूद रहे।
कार्यक्रम में प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल और प्रोफेसर ललित के अवस्थी ने विशेष रूप से विज्ञान और मानविकी विषयों के बीच अंतःविषय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने सामाजिक मांगों को पूरा करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और साइबर फिजिकल सिस्टम जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के संभावित उपयोग पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नवाचार और स्टार्टअप उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रौद्योगिकी प्री-इन्क्यूबेशन सेल की भूमिका का भी उल्लेख किया। चर्चा में अंतःविषय पाठ्यक्रमों में क्रेडिट हस्तांतरण के लिए डिजिटल लॉकर के कार्यान्वयन पर भी जोर दीया गया जिसके माध्यम से हाइब्रिड पाठ्यक्रमों में छात्र नामांकन की सुविधा को बल मिलेगा। प्रो. आर.सी. भट्ट ने एमओयू के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के टिहरी और पौडी स्थित परिसरों से सक्रिय भागीदारी शामिल हो। इस एमओयू का विस्तार दो प्रतिष्ठित केन्द्रीय संस्थानों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और सहयोगात्मक अनुसंधान को आगे बढ़ाने, नवीन प्रगति और सामाजिक प्रभाव का मार्ग प्रशस्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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