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एम्स ऋषिकेश में महिला चिकित्सक से छेड़छाड़ के मामले में  महिला आयोग सख्त, SSP को कड़ी कार्रवाई के निर्देश

एम्स ऋषिकेश की चौथी मंजिल में वाहन ले जाने की घटना का एसएसपी ने बारीकी से किया विश्लेषण

-महिला आयोग की अध्यक्ष ने डीएम देहरादून को किया निर्देशित, मामले की जांच कमेटी गठित करें

-एम्स आईसीसी कमेटी से महिला आयोग अध्यक्ष ने मांगी मामले की रिपोर्ट

– महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व अभद्रता नहीं सहेगा आयोग, एसएसपी को दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

ऋषिकेश।  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में सर्जरी विभाग में तैनात एक महिला चिकित्सक के साथ आपरेशन के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक पुरुष नर्सिंग आफिसर द्वारा छेड़ खानी के मामले की सूचना मिलते ही उत्तराखंड राज्य महिला आयोग एक्शन मोड में आ गया है। मामले में राज्य महिला आयोग की  अध्यक्ष कुसुम कंडवाल मौके पर एम्स ऋषिकेश पहुंची और आईसीसी कमेटी व डीन डॉ जाया चतुर्वेदी तथा पीड़िता व उसकी सहयोगी महिला चिकित्सकों से मिलकर मामले की जानकारी ली उन्होंने मौके पर एम्स प्रशासन को कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

एम्स ऋषिकेश के सर्जरी विभाग के आपरेशन थिएटर की यह घटना बीते रविवार 19 मई शाम 7:00 बजे की बताई गई है। नर्सिंग आफिसर सतीश कुमार पर आरोप है कि उसने आपरेशन के दौरान महिला चिकित्सक के साथ छेड़छाड़ की तथा वह चिकित्सक पर चिल्लाया पीड़िता का नर्सिंग आफिसर पर आरोप है कि इसने महिला चिकित्सक को अनुचित तरीके से छेड़ने की कोशिश की। उसके बाद व्हाट्सएप पर उसने आपत्तिजनक मैसेज भेजें, धमकी के तौर फांसी लगाने के प्रयास की फोटो भेज कर चिकित्सक का मानसिक उत्पीड़न किया।

मामले में आयोग अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने डीएम देहरादून को निर्देशित किया है कि ऐसे संवेदनशील मामलें में आयोग की ओर से तत्काल जांच कमेटी गठित करें। जिसमें सीडीओ, डीपीओ तथा लीगल एडवाइजर व एक सदस्य रहेंगे।

मामले में डीन ने जानकारी दी कि महिला चिकित्सक की ओर से इस मामले की शिकायत आंतरिक चिकित्सा प्रकोष्ठ (ICC कमेटी) में भी की गई जिसकी प्रक्रिया के दौरान 20 मई को सुबह चिकित्सक सतीश कुमार की तबियत बिगड़ने पर उसे भर्ती किया गया तथा एम्स प्रशासन द्वारा उसे 20 मई की शाम तक सस्पेंड कर दिया गया।

वहीं महिला चिकित्सक की साथी चिकित्सकों के द्वारा घटना की जानकारी दिए जाने पर महिला आयोग की अध्यक्ष ने निर्देश दिया है कि असिस्टेंट नर्सिंग सुप्रीमटेंडेंट सिनोज़ पी. द्वारा उक्त आरोपी सतीश कुमार को शिकायत के बाद भी ड्यूटी पर भेजने के कारण में जांच चलने तक निलंबित किया जाए तथा अध्यक्ष कण्डवाल ने एम्स डायरेक्टर मीनू सिंह से फोन पर वार्ता करते हुए सभी आरोपियों के विरुद्ध खिलाफ गहन जांच कराने के लिए कहा है। जिस पर एम्स प्रशासन ने ए.एन.एस. को जांच चलने तक हुए नोटिस दिया है तथा 72 घंटे में जवाब देने के लिए निर्देशित किया है।

इस मौके पर डायरेक्टर इंचार्ज एम्स ऋषिकेश डॉ जया चतुर्वेदी, डीन प्रोफेसर शैलेंद्र हांडू, प्रो. संजीव मित्तल, लॉ ऑफीसर प्रदीप चंद पांडे, चीफ नर्सिंग ऑफिसर डॉ रीता शर्मा उपस्थित रहे।

एम्स ऋषिकेश की चौथी मंजिल में वाहन ले जाने की घटना का एसएसपी ने बारीकी से किया विश्लेषण

मौके पर मौजूद उग्र भीड़ के प्रदर्शन तथा मोब लिंचिंग की घटना की संभावना के दृष्टिगत आरोपी नर्सिंग ऑफिसर को सुरक्षित निकालने के लिए लिया गया था निर्णय

-मौके पर बनी परिस्थितियों के दृष्टिगत एम्स प्रशासन द्वारा सुझाए गए रास्ते से पुलिस वाहन को ले जाया गया था मनोचिकित्सा वार्ड तक

– आरोपी को वापस लाते समय पुलिस वाहन नहीं गुजरा था किसी भी इमरजेंसी वार्ड से, जांच में तथ्य आये सामने

-अभियोग की Quality investigation हेतु क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के पर्यवेक्षण में गठित की गई SIT, दो महिला उपनिरीक्षकों के अतिरिक्त अन्य कर्मचारियों को किया नियुक्त

ऋषिकेश। AIIMS ऋषिकेश में पुलिस वाहन को चौथी मंजिल पर ले जाने की घटना के संबंध में SSP देहरादून द्वारा एम्स ऋषिकेश जाकर एम्स प्रशासन के साथ वार्तालाप कर घटना के सभी पहलुओं की स्वयं बारीकी से जांच की गई। जांच के दौरान प्रकाश में आया कि दिनांक 19/05/24 को एम्स के ट्रॉमा सेंटर की OT में नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार द्वारा महिला डॉक्टरो के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसके संबंध में महिला चिकित्सको द्वारा एम्स प्रशासन को रात्रि के समय अवगत कराया गया था। उक्त प्रकरण में एम्स प्रशासन द्वारा इंटरनल कमेटी गठित करते हुए दिनांक 21/05/2024 को आरोपी नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार को निलंबित किया गया था तथा इसकी सूचना पुलिस स्टेशन ऋषिकेश को दी गई थी, जिस पर तत्काल कोतवाली ऋषिकेश में संबंधित धाराओ में अभियोग पंजीकृत किया गया था।

घटना के पश्चात दिनांक 20/05/2024 को आरोपी नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार मनोचिकित्सक वार्ड में भर्ती हो गया था तथा दिनांक 21/05/2024 को एम्स ऋषिकेश के चिकित्सको व एमबीबीएस छात्रों द्वारा घटना के संबंध में मनोचिकित्सा विभाग के बाहर एकत्रित होकर उग्र प्रदर्शन किया गया, जिसकी सूचना एम्स प्रशासन द्वारा पुलिस को दी गई थी। पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर परिस्थितियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया परंतु मौके पर 400- 500 चिकित्सकों एवं एमबीबीएस छात्रों द्वारा मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती सतीश कुमार को उनके हवाले करने के लिए उग्र प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए मनोचिकित्सा विभाग के कक्ष में घुसने का प्रयास किया जा रहा था, मौके पर पुलिस तथा AIIMS प्रशासन द्वारा उन्हें समझाने का काफी प्रयास किया गया परंतु उनके द्वारा अत्यधिक उग्र होकर सुरक्षाकर्मियों/ पुलिस बल के साथ धक्का मुक्की की गई। मौके पर बनी परिस्थितियों में आरोपी की सुरक्षा/ मोब लिंचिंग की घटना की संभावना तथा नर्सिंग स्टाफ एवं डॉक्टर के मध्य आपस में टकराव की स्थिति से बचाव के दृष्टिगत एम्स प्रशासन तथा पुलिस द्वारा त्वरित निर्णय लेते हुए एम्स प्रशासन द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक इमरजेंसी मार्ग से पुलिस के सरकारी वाहन के माध्यम से आरोपी को मौके से बाहर निकाला गया। अभियुक्त को बाहर निकालने के दौरान उपस्थित भीड़ द्वारा लगातार वाहन का पीछा कर अभियुक्त को वाहन से खींचने का प्रयास किया गया। इस दौरान एम्स प्रशासन द्वारा बताए गए triaga एरिया से वाहन को बाहर निकाला गया, वाहन को किसी भी इमरजेंसी वार्ड के जरिए बाहर नहीं लाया गया था।

इसके अतिरिक्त एवं ऋषिकेश में लगे हुए सीसीटीवी कैमरा में घटना की फुटेज को सुरक्षित रखा गया है, साथ ही पीड़ित महिला चिकित्सक के प्रार्थना पत्र के आधार पर कोतवाली ऋषिकेश में दर्ज अभियोग की विवेचना हेतु क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के पर्यवेक्षण में SIT टीम का गठन किया गया है, जिसमें दो महिला उप निरीक्षको के अतिरिक्त अन्य कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।

 

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