उत्तराखंड

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस मुख्यालय में पंचायत प्रतिनिधि, पार्षद और आशाएं सम्मानित

देहरादून। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयन्ती पर पंचायत प्रतिनिधियों, पार्षदों एवं आशा कार्यकत्रियों को शॉल उडाकर सम्मानित किया गया।

रौतेला ने राजीव गांधी को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए उन्होंने कहा कि पंचायतीराज से जुड़ी संस्थाओं की मजबूती के लिए राजीव गांधी ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त किया. जिससे सत्ता के विकेंद्रीकरण और पंचायती राज व्यवस्था को सबलता मिली तथा पंचायत स्तर तक लोकतंत्र पहुंचा। उनके कार्यकाल में पंचायतीराज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार हुआ, जिसे 1992 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के जरिए लागू किया गया। राजीव गांधी जी के प्रधानमंत्रित्व काल में कांग्रेस सरकार की ओर से तैयार 64 वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया। 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई. जिससे सभी राज्यों को पंचायतों के चुनाव कराने को मजबूर होना पड़ा। पंचायतीराज व्यवस्था का मकसद सत्ता का विकेंद्रीकरण रहा।

राजीव गांधी को भारत में दूरसंचार क्रांति का जनक बताते हुए कहा कि राजीव गांधी की पहल पर अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना हुई। इस पहल से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ। जगह-जगह पीसीओ खुलने लगे. जिससे गांव और शहर संचार के मामले में आपस में और देश-दुनिया से जुड़ सके। फिर 1986 में राजीव गांधी की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना हुई, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई। राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन कर पंचायतों को अधिकार सम्पन्न बनाने व युवाओं को मतदान का अधिकार देकर देश की मुख्य धारा से जोड़ने तथा भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने की पहल की थी। उन्होंने कहा कि पहले देश में वोट देने की उम्र सीमा 21 वर्ष थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार देने का कदम उठाया। 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।

ज्योति रौतेला ने कहा कि गांवों के गरीब परिवार के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने के मकसद के साथ राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की शुरआत की. इन आवासीय विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा में सफल होने वाले मेधावी बच्चों को यहां प्रवेश मिलता है. बच्चों को छह से 12 वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है। वर्तमान समय में देश में खुले 551 नवोदय विद्यालयों में लाखों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। राजीव गांधी ने शिक्षा क्षेत्र में भी अहम कदम उठाए. उनकी सरकार ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की. इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार करने की कोशिशें हुईं। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर एक शक्तिशाली भारत के निर्माण के उनके सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस असवर पर पूर्व प्रधान चन्द्रकला नेगी, पार्षद उर्मिला ढौंडियाल थापा, कोमल बोहरा, संगीता गुप्ता, मीना बिष्ट, पुष्पा पंवार, आगनवाडी कार्यकत्रि अंजु धीमान, मीना शर्मा, ज्योति खण्डूरी, अंजलि वर्मा, पुष्पा नेगी, वन्दना, पुष्पा नेगी, आशा रानी, रीता धीमान, शकुन्तला, सपना थापा, रजनी शर्मा, रजनी गुलेरिया, राजकुमारी, मीना वर्मा, रीना वर्मा, सवाना, बबीता वर्मा, सीता राणा, मीना नेगी, लक्ष्मी, भुवनेश्वरी, शकुन्तला, आशा रानी, भागेश्वरी, हेमलता, उमादेवी, जयन्ती अधिकारी, अंशुल त्यागी, लक्ष्मी उनियाल, किरन नेगी, सुनीता, संगीता थापा, मीना मौर्या, रीता धीमान, रंजीत कौर, मिथिलेश, पवित्रा, अर्चना कपूर, निधि नेगी अनुराधा तिवाडी, सुशीला शर्मा, अनिता दास आदि महिलाओें को सम्मानित किया गया।

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