भागवत कथा भगवान का साहित्य रूप: आचार्य भट्ट
भागवत कथा में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन सुनाया या
कोटद्वार। भागवत कथा महापुराण ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन वेदाचार्य पंडित देवी प्रसाद भट्ट ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन सुनाया। साथ ही भजन गायकों की टीम की ओर से सुनाए गए भजनों पर भक्त मंत्रमुग्ध हो गए।
कोटद्वार के मानपुर खंतवाल मोहल्ले में चल रही भागवत कथा में आचार्य भट्ट ने भागवत महापुराण का महात्मय और श्रीकृष्ण के चरित्र का चित्रण किया। इससे पूर्व कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। इसमें भगवान के बाल रूप की झांकिया सजाई गई। आचार्य देवी प्रसाद भट्ट ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण करने से मनुष्य का कल्याण होता है। आज मनुष्य भगवत भक्ति छोड़कर विषय वस्तुओं को भोगने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि भागवत जीवन दर्शन का ग्रंथ है। भागवत कथा वैराग्य को जागृत करने वाली कथा है। उन्होंने कहा कि महर्षि कण्व की इस तपस्थली में पहले से ही धर्म और आध्यात्म का केंद्र रहा है। बाबा सिद्धबली की इस भूमि में सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने के कार्य होते रहते हैं। कहा कि भागवत पुराण को भगवान का साहित्य रुप माना जाता है। कथा श्रवण से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति मोह पैदा होता है। भागवत कथा स्वयं प्रकृति और परम वास्तविक सत्य के बारे में बताती है। भगवत कृपा से ही भागवत कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। भागवत कथा के बाद भजनों पर भक्त जमकर झूमें। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया।
इस मौके पर आचार्य कृष्णा नंद गोदियाल, रमेश चंद, मोहन सिंह आदि लोग मौजूद रहे।