उत्तराखंड

बास्केटबॉल खेल को बास्केटबॉल दिवस के रूप मे मनाया

 

बास्केटबॉल खेल को बास्केटबॉल दिवस के रूप मे मनाया

हरिद्वार:(जीशान मलिक) 20 जनवरी गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा 20 जनवरी को पहली बार आरम्भ हुए बास्केटबॉल खेल को बास्केटबॉल दिवस के रूप मे मनाया गया। आज ही के 1891 मे दिन डॉ जेम्स नाइस्मिथ नाम के एक कनाडाई चिकित्सक द्वारा इस खेल का आविष्कार किया । उन्हें बास्केटबॉल के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है! इसलिए उन्हें बास्केटबॉल का जनक कहा जाता है।

विश्वविद्यालय छात्रों ने बास्केटबॉल दिवस के अवसर पर मैत्री बास्केटबॉल मैच का आयोजन श्रद्वानंद तथा दयानंद हाउस के माध्यम से किया। इस अवसर पर योग एवं शारीरिक शिक्षा के पूर्व डीन एवं अध्यक्ष प्रो0 आर0के0एस0 डागर ने मुख्य अतिथि के रूप मे मैच का उदघाटन किया। दयानंद एवं श्रद्वानंद हाउस के मध्य खेले गये मैत्री मैच मे दयानंद हाउस ने श्रद्वानंद हाउस को 40-35 के अन्तर से परास्त किया।
अपने सम्बोधन मे प्रो0 डागर ने कहॉ कि खेल फिट बनाने की सरल एवं सटीक युक्ति है। खेल के द्वारा जीवन मे समायोजन के विपरीत प्रभाव डालने वाले कारणों से बचाव तथा व्यवहार मे सकारात्मकता मिलती है। फिट रखने के लिए प्रत्येक उम्र के व्यक्ति को खेलों के साथ जुडकर प्राकृतिक रूप से फिटनेस का लाभ लेना चाहिए।

प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल डॉ0 अजय मलिक ने इस दिन को बास्केटबॉल खिलाडियों, प्रेमियों तथा छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बताया। कहॉ कि खेल व्यक्ति के सोचने- समझने की शक्ति का विकास करते है। क्रीडा परिषद के सदस्य डॉ0 शिवकुमार चौहान ने बताया कि भारत मे पहली बार बास्केटबॉल मैच 20 जनवरी 1892 को खेला गया था|बास्केटबॉल नाम उनके छात्रों में से एक ने सुझाया था और यह खेल तुरंत लोकप्रिय हो गया था। पहली बार इंटर कॉलेजिएट मैच अमेरिका में 1895 और 1896 में हुआ जिसमें प्रत्येक टीम में 5 खिलाड़ी थे।

भारत में बास्केटबॉल ने 1930 से अपनी यात्रा शुरू की। पुरुषों के लिए पहली भारतीय राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 1934 में नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।
बास्केटबॉल के खिलाडी तथा वर्तमान मे एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 अनुज कुमार ने विशेषज्ञ के रूप मे बताया कि 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में बास्केटबॉल को एक आधिकारिक खेल के रूप में पेश किया गया था और इस आयोजन को बास्केटबॉल के इतिहास में सबसे यादगार अवसरों में से एक माना जाता है। इसके साथ खेल की लोकप्रियता बहुत तेज गति से बढ़ने लगी। 1940 में बास्केटबॉल का पहला टेलीविज़न कवरेज तब मिला जब कॉलेज गेम्स आयोजित किए जा रहे थे।

कुलसचिव प्रो0 सुनील कुमार ने खिलाडियों को बास्केटबॉल दिवस की बधाई देते हुये बताया कि गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय द्वारा पॉच बार विश्वविद्यालय स्तर की उत्तर क्षेत्र तथा अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालय बास्केटबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा चुका है, जिससे निकले खिलाडियों ने रेलवे, फोर्स, कॉलेज तथा यूनिवर्सिटीज मे अपनी जगह बनाई है। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 कपिल मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, अश्वनी कुमार, कुलदीप, सुरेन्द्र सिंह, राजेन्द्र, अर्जुन सिंह, मुनेश तथा विश्वविद्यालय के छात्र उपस्थित रहे।

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