ASI विनोद बिष्ट और कांस्टेबल सुधीष खत्री बने उत्तराखण्ड के पहले साइबर कमाण्डो
आईआईटी कानपुर से 6 माह का साइबर कमाण्डो प्रशिक्षण किया प्राप्त

- बहुत जल्द 2 और उप निरीक्षक NFSU दिल्ली से पास आउट होंगे
देहरादून। साइबर सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और बढ़ते साइबर खतरों को देखते हुए गृह मंत्रालय भारत सरकार (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र I4C) द्वारा ‘साइबर कमांडो की विशेष शाखा’ की स्थापना की जा रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने बताया कि चयनित कर्मियों में से साइबर कमाण्डो कोर्स के प्रथम चरण में 2 कर्मी अपर उ0नि0 विनोद बिष्ट तथा आरक्षी सुधीष खत्री द्वारा IIT कानपुर में 06 माह का साइबर कमाण्डो प्रशिक्षण प्राप्त किया गया, जिसमें साइबर सुरक्षा, डिजिटल फोरेंसिक, थ्रेट इंटेलिजेंट, क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टोग्राफी तथा नेटवर्किंग आदि विषयों के मूल सिद्धांतों और और अनुप्रयोगों के विषय में प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। साइबर कमाण्डो कोर्स का समापन IIT कानपुर के आउटरीच सेंटर नोएडा में हुआ। बहुत जल्द ही 02 और उ0नि0 आशीष गुसांई व उ0नि0 राजेश ध्यानी NFSU दिल्ली से साइबर कमाण्डो का प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होंगेदेहरादून।
वहीं द्वितीय चरण में उत्तराखण्ड से साइबर कमाण्डो प्रशिक्षण हेतु उत्तीर्ण 72 अभ्यर्थियों को देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थान, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) आदि में गहन व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किये जाने हेतु बारी बारी भेजा जायेगा । साइबर कमाण्डो हेतु चयनित सबसे अधिक कुल 72 कर्मियों की संख्या में उत्तराखण्ड राज्य सम्पूर्ण भारत वर्ष में तृतीय स्थान पर रहा । राज्य से चयनित टॉप-3 पुलिस कर्मियों का ऑल इण्डिया रैंक में दूसरा, छठा व दसवां स्थान रहा था ।
प्रशिक्षित साइबर कमांडो अपने मूल संगठन के लिए काम करेंगे और उनसे डिजिटल फोरेंसिक, घटना प्रतिक्रिया और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने में प्रशिक्षण के दौरान विकसित विशेषज्ञता के अनुसार भूमिकाएं सौंपी जाएंगी ।