उत्तराखंड

मातावाला बाग को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों का सूचना बोर्ड से हुआ पर्दाफाश

बाग को नशे और गैर-कानूनी गतिविधियों का अड्डा बना चुके थे कुछ असामाजिक तत्व

देहरादून। मातावाला बाग में हाल ही में लगाए गए सूचना बोर्ड का मुख्य उद्देश्य जनसाधारण, शासन-प्रशासन और वन विभाग को यह जानकारी देना है कि इस ऐतिहासिक बाग के पेड़ पूरी तरह सुरक्षित हैं। बोर्ड पर क्रमवार पेड़ों की संख्या दर्ज है, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि क्षेत्र में कोई अवैध कटान नहीं हो रहा है।

सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार किया जा रहा था कि मातावाला बाग में पेड़ काटे जा रहे हैं और धार्मिक स्थल तोड़े गए हैं। लेकिन, जब एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं ने सफाई अभियान चलाया, तो मातावाला बाग से शराब की खाली बोतलें, ड्रग्स के पाउच और मांस के अवशेष बरामद हुए। इससे स्पष्ट हुआ कि कुछ असामाजिक तत्व बाग को नशे और गैर-कानूनी गतिविधियों का अड्डा बना चुके थे।

दरबार साहिब द्वारा नियुक्त प्रबंधक, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (C. B.I.) व राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (N. S. A.) के सेवानिवृत्त अधिकारी मधुसूदन सेमवाल ने इन गतिविधियों पर रोक लगाने का संकल्प लिया। जब उन्होंने अवैध रूप से खड़ी एक कार ( UK07 FW 3237) को हटाने को कहा, तो अमन स्वेडिया नामक व्यक्ति ने उन्हें अपशब्द कहे और झूठे आरोप लगाए। बाद में इसी गुट ने सोशल मीडिया पर पेड़ काटने और धार्मिक स्थल तोड़ने के झूठे आरोप लगाकर जनभावनाओं को भड़काने की कोशिश की।

दरबार साहिब ने स्पष्ट किया है कि पूर्व कोच पवन शर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद अखाड़े की गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने के लिए पहलवानों को मथुरावाला में नई भूमि दी गई है। पवन शर्मा को द्रोणाचार्य लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी मिल चुका है। यह विवाद उन्हीं की निष्कलंक सेवाओं के बाद शुरू हुआ है।

मातावाला बाग की सच्चाई अब सबके सामने है दृ यह सिर्फ एक हरा-भरा बाग नहीं, बल्कि उन झूठी कहानियों का जवाब है जो स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही थीं।

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