उत्तराखंड

ठक्कर बापा छात्रावास के हीरक जयंती समारोह में उठी मांग- सुंदर लाल बहुगुणा को मिले भारत रत्न

बहुगुणा के नाम से पुरस्कार की घोषणा पर अमल न होने पर जताया गया अफसोस

– उत्तराखंड सरकार ने तीन साल पहले बहुगुणा के निधन के बाद की थी घोषणा

नई टिहरी। ठक्कर बापा छात्रावास के हीरक जयंती समारोह में पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा को भारत रत्न दिए जाने की मांग की गयी। वक्ताओं ने कहा कि स्वर्गीय बहुगुणा को अपने देश में वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार थे। पर्यावरण के प्रति उनकी सोच की वजह से विदेशों में उनका नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। यही वजह है कि उन्हें वैकल्पिक नोबेल प्राइज(राइट लाइवलीवुड अवार्ड) तक दिया गया।

समारोह में इस बात पर अफसोस जताया गया कि उत्तराखंड सरकर ने सुंदर लाल बहुगुणा के नाम से पुरस्कार देने की घोषणा तो तीन साल पहले कर दी थी लेकिन उस पर अमल अब तक नहीं हो पाया। ठक्कर बापा छात्रावास से पढ़ कर आईएएस बने चंद्र सिंह ने बहुगुणा को अपनी श्रृ़़़द्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मैं आज जो कुछ भी हू, ठक्कर बापा छात्रावास और सुंदर लाल बहुगुणा वजह से हूं। सुरेश भाई ने कहा कि लोग बहुगुणा को केवल पर्यावरण के नाम से जानते हैं लेकिन उनका व्यक्तित्व बहु आयामी था। उनके जैसा महान व्यक्ति न आज तक कभी हुआ और न कभी होगा।

छात्रावास के मंत्री प्रदीप बहुगुणा ने बताया कि 1949 में टिहरी के एक सरकारी कॉलेज में जातीय भेदभाव के शिकार एक छात्र की वजह से बहुगुणा ने कांग्रेस दफ्तर में छा़त्रावास की शुरुआत की थी। बाद में यहां के छा़त्रों ने मंदिर प्रवेश, शराबबंदी, चिपको आंदोलन और बांध विरोघी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि आज छात्रावास में छा़़त्रों का हर संभव सुविधाएं दी जा रही हैं। छात्रावास में उन्हें फ्री वाईफाई, आरओ, सीसीटीवी की सुविधा के अलावा जीआईटीआई में उनके निशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गयी है।

टिहरी के विघायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि स्वर्गीय सुंदर लाल बहुगुणा को भारत रत्न दिलाने के लिए वे केंद्र सरकार से मांग करेंगे। पूर्व मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि ठक्कर बापा छा़त्रावास से मिले संस्कारों से ही आज हर क्षेत्र में यहां के पूर्व छात्र सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। उन्होंने नए छात्रों से अनुशासन बनाए रखने की अपील की। समारोह में पूर्व छात्रों और उनके उत्तराधिकारियों को फूल मालाएं और शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया गया। उन्हें स्मृति चिन्ह भी दिए गए।

इस मौके पर किशन लाल, सुरेश भाई, मंगत सिंह, केडी निराला, गजेंद्र मोहन, डा. मंजू बहुगुणा, अनिल नेती, कैलाश मैठाणी, प्रताप सिंह बिष्ट, डा. डीएल शाह, जय प्रकाश शाह, विजय दास, घनपाल, किशोरी लाल, भगवती प्रसाद, जयशंकर नगवाण समेत कई पूर्व छात्र मौजूद थे।

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