देहरादून। जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा की उच्चाधिकार समिति की बैठक आज संघ भवन, देहरादून में आयोजित की गई। बैठक में उत्तराखण्ड पेयजल निगम एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान का एकीकरण करते हुये राजकीयकरण करने की मांग की गई तथा उक्त विषय को शीघ्र कैबिनेट में लाने की मांग की गई। बैठक में UUSDA द्वारा कराये जा रहे समस्त पेयजल / सीवरेज निर्माण कार्य को उत्तराखण्ड पेयजल निगम एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान को हस्तान्तरित करने की मांग की गई। साथ ही यह भी मांग की गई कि शहरी विकास विभाग द्वारा पूर्व में कराये गये ए०डी०बी० के कार्यों की एस०आई०टी० जांच की जाये। बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने कहा कि एस०आई०टी० जांच से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
बैठक के अंत में एकमत से विचार व्यक्त किया गया कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान का राजकीयकरण करते हुए एकीकरण करने की मांग और शहरी विकास विभाग द्वारा पेयजल विभाग के काम किए जाने के विरोध में पेयजल निगम कार्मिकों द्वारा जनवरी माह में किया गया आंदोलन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के आश्वासन पर 20 फरवरी तक के लिए स्थगित किया गया था। मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए आश्वासन पर संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी के अनुरोध पर पेयजल कर्मचारी अपना धरना स्थगित करने और हड़ताल न करने के लिए मान गए थे। लेकिन शासन के अधिकारियों द्वारा अभी तक एक भी मांग पर कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया है। इसके विरोध में पेयजल निगम कार्मिकों का संयुक्त मोर्चा पदाधिकारी पर तत्काल हड़ताल प्रारंभ करने का दबाव बनाया जा रहा है। यहाँ यह भी विचारणीय है कि शीघ्र ही आचार संहिता लागू होने के दृष्टिगत अब हड़ताल के अलावा कोई अन्य विकल्प शेष प्रतीत नहीं होता।
उच्चाधिकार समिति द्वारा एकमत से निर्णय लिया गया कि :-
1. दिनांक 23 व 24 फरवरी, 2024: पूरे राज्य में वादा खिलाफी के विरोध में धरना प्रदर्शन।
2. दिनांक 26 फरवरी, 2024: सभी नगरों से कार्मिकों का देहरादून प्रस्थान ।
3. दिनांक 27 फरवरी, 2024: पूरे राज्य के कार्मिकों / पेंशनरों द्वारा विधानसभा घेराव ।
विधानसभा घेराव के उपरांत पूरे राज्य के कार्मिकों / पेंशनरों की उपस्थिति में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार/पूर्ण हड़ताल का निर्णय भी लिया जा सकता है। उक्त का निर्णय विधानसभा घेराव के तत्काल बाद सभी कार्मिको / पेंशनरों की सहमतिनुसार कार्यक्रम स्थल में लिया जायेगा। यदि अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार/पूर्ण हड़ताल प्रारंभ होने के बाद चुनाव आचार संहिता लग भी जाती है तो को कार्मिक चुनाव उपरांत आचार संहिता हटते ही पुनःकार्य बहिष्कार / हड़ताल जारी रखेंगे।
बैठक में रमेश विंजोला, विजय खाली, श्याम सिंह नेगी, राम चन्द्र सेमवाल, संदीप मल्होत्रा, आनंद सिंह राजपूत, लक्ष्मी नारायण भट्ट, राम कुमार, भजन सिंह चौहान, लाल सिंह रौतेला, शिशुपाल सिंह रावत, आशीष तिवारी, सुमीत पुल, हेमन्त कुमार, भानु प्रताप चौहान, वीर बहादुर उपस्थित रहे।