देवप्रयाग। मंगलवार का दिन राजनीतिक गहमागहमी के लिए कुछ खास रहा। वो (भाजपा) उधर, रुद्रपुर में कांग्रेस को कोसते रहे और इधर गढ़वाल सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल देवप्रयाग संगम में जन कल्याण की कामना करते दिखे।
लोकसभा प्रत्याशी गोदियाल के प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार की शुरुआत देवप्रयाग संगम पर पूजा-अर्चना के साथ हुई। भागीरथी और अलकनंदा के संगम के बाद यहीं से पवित्र नदी गंगा बहती है। गोदियाल ने मां गंगा से सभी के उज्ज्वल भविष्य व सुखद जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश के आम जनमानस पर मां गंगा की कृपा बनी रहे और हर इंसान मन, वचन व कर्म से गंगा की तरह साफ और निश्चल हो।
हिंडोलाखाल में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस जनहित के मुद्दों की लड़ाई लड़ रही है। राज्य में अंकिता भंडारी हत्याकांड, अग्निवीर योजना, पेपर लीक, भर्ती घोटाला सहित कई ऐसे घोटाले हैं, जिन्हें कांग्रेस आक्रामक तरीके से उठा रही है। इससे सत्ता पक्ष परेशान है। गोदियाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव का टिकट फाइनल होने के बाद भाजपा की तरफ से उन्हें कई तरह के प्रलोभन दिए गए और जब उन्होंने प्रलोभन ठुकरा दिए तो उनको एक साथ कई विभागों के नोटिस भिजवाए गए। भाजपा सरकार उन्हें भयभीत करना चाहती है। गोदियाल ने कहा कि वह वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और हेमवती नंदन बहुगुणा को अपना आदर्श मानते हैं। भारत माता के इन दोनों सपूतों ने अपने देश और समाज की भलाई के लिए सत्ता से सीधा संघर्ष लिया। 1982 में पहाड़ के लोगों ने बहुगुणा को भारी मतों से जिताकर अपनी एकता का परिचय दिया था। इस बार भी पहाड़ की जनता सत्ता के झूठे प्रलोभन को ठुकरा कर गणेश गोदियाल के रूप में अपने बीच के व्यक्ति को चुनेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा धार्मिक प्रतिष्ठानों को भी अपने हिसाब से संचालित करना चाहती है। जो उनकी बात नहीं मानता उसके पीछे जांच एजेंसी लगा दी जा रही है। गोदियाल ने उस समय का जिक्र किया जब वह बदरी नाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष थे। एक कंपनी ने केदारनाथ में 500 किलो दान करने का प्रस्ताव दिया था, जब पता चला कि सोने के नाम पर तांबे की प्लेट पर सिर्फ सोने की पालिश लगाई जानी है तो समिति ने प्रस्ताव लौटा दिया। भाजपा सरकार में बाबा केदारनाथ में लगा सोना महज एक हफ्ते में कैसे पीतल हो गया, भाजपाई ही जानें। लोग जानना चाहते हैं लेकिन समिति में काबिज लोग जबाव देने को तैयार ही नहीं हैं।
गोदियाल ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान भाजपा के एक बड़े नेता ये प्रस्ताव लेकर आए थे कि बाबा केदारनाथ में पीएम का फोटो लगना है, जिसे समिति में स्वीकर नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ सतारूढ़ दल की पुरानी अदावत है जो चुनाव के समय में सामने आ जाती है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई भय नहीं, मुझे मेरे पहाड़ के लोग प्रेम करते हैं और मेरे मान सम्मान की रक्षा भी करेंगे।