उत्तराखंड

आईजी बिमला गुंज्याल सेवानिवृत्त, पुलिस मुख्यालय में दी गई विदाई

देहरादून। पुलिस महानिरीक्षक, सतर्कता बिमला गुंज्याल आज सेवानिवृत्त हो गई हैं। पुलिस मुख्यालय में आयोजित समारोह में उन्हें विदाई दी गई। समारोह में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक, लाॅ एण्ड आर्डर वी. मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन एपी अंशुमान सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

समारोह के दौरान वक्ताओं द्वारा बिमला गुंज्याल की चार दशकों से अधिक की सेवा यात्रा का उल्लेख करते हुए उनके कर्तव्यनिष्ठ योगदान, नेतृत्व क्षमता एवं अनुकरणीय कार्यशैली की भूरि-भूरि सराहना की। सभी ने अपेक्षा व्यक्त की कि उनके अनुभव और मार्गदर्शन का लाभ उत्तराखण्ड पुलिस को भविष्य में भी मिलता रहेगा।

डीजीपी दीपम सेठ ने अपने सम्बोधन में कहा आज का दिन उत्तराखण्ड पुलिस परिवार के लिए एक विशेष भावनात्मक क्षण है, जब हम अपनी एक अत्यंत योग्य, निष्ठावान एवं अनुशासित वरिष्ठ अधिकारी बिमला गुंज्याल को उनके दीर्घकालिक, अनुकरणीय एवं प्रेरणादायी सेवाकाल की सफल पूर्णता पर शुभकामनाएं एवं हार्दिक विदाई दे रहे हैं।

डीजीपी ने कहा कि गुंज्याल ने अपने दीर्घकालिक सेवाकाल में न केवल पुलिस विभाग की विविध एवं चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों को पूर्ण समर्पण के साथ निभाया, बल्कि जेल, सतर्कता, अभिसूचना, दूरसंचार, सीईडी आदि महत्वपूर्ण इकाइयों में अपने नेतृत्व कौशल और प्रशासनिक दक्षता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने जहां एक ओर संगठनात्मक अनुशासन और कार्यकुशलता को प्राथमिकता दी, वहीं दूसरी ओर सहकर्मियों के साथ सहयोगात्मक और प्रेरणात्मक संवाद बनाए रखा। उनका शांत, संयमित और संवेदनशील व्यक्तित्व, प्रत्येक स्थिति में संतुलित निर्णय लेने की क्षमता और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण उन्हें एक असाधारण अधिकारी बनाते हैं। चाहे वह कानून-व्यवस्था की चुनौती रही हो या किसी रणनीतिक योजना का क्रियान्वयन हर परिस्थिति में उन्होंने विभाग को दिशा प्रदान की और एक उदाहरण प्रस्तुत किया।

बिमला गुंज्याल ने भी समारोह में उपस्थित सभी अधिकारियों व सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग, समर्थन एवं कर्मठता के कारण ही वे अपने उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सकीं। समारोह के अंत में पुलिस महानिदेशक द्वारा बिमला गुंज्याल को स्मृति चिह्न भेंट किया गया।

सेवा विवरण
बिमला गुंज्याल का जन्म 15 मई 1965 को पिथौरागढ़ में हुआ था। उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा जीजीआईसी पिथौरागढ़ से प्राप्त की और श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। उनका चयन वर्ष 1990 में प्रांतीय पुलिस सेवा में हुआ था। उन्होंने मुरादाबाद, लखनऊ, अल्मोड़ा, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार तथा देहरादून जनपदों में विभिन्न दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। 2011 में भारतीय पुलिस सेवा में इंडक्शन होने के पश्चात उन्हें वर्ष 2004 बैच आवंटित हुआ। उन्होंने पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, सेनानायक (आईआरबी द्वितीय), एससीआरबी आदि पदों पर कार्य किया।

वर्ष 2018 में वे पुलिस उप महानिरीक्षक पद पर पदोन्नत हुईं और अभिसूचना, सुरक्षा, पीएसी, सीईडी, सतर्कता तथा दूरसंचार जैसे महत्वपूर्ण विंगों का दायित्व संभाला। 1 जनवरी, 2022 को उन्हें पुलिस महानिरीक्षक पद पर पदोन्नत किया गया और कारागार, पीध्एम तथा सतर्कता मुख्यालय जैसे अहम पदों पर सेवा दी। वर्तमान में वह पुलिस महानिरीक्षक, सतर्कता मुख्यालय के पद पर कार्यरत हैं।

भारत सरकार द्वारा सराहनीय सेवा के लिए उन्हें वर्ष 2012 में पुलिस पदक एवं उत्कृष्ट सेवा के लिए वर्ष 2019 में राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

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