उत्तराखंड

उत्तराखंड महिला कांग्रेस ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, प्रज्ज्वल रेवन्ना को भारत लाकर कठोर दंड देने की मांग

देहरादून। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते एवं भाजपा के सहयोगी दल जेडीएस नेता वर्तमान सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना से जुड़े कई अश्लील वीडियो सामने आने पर उत्तराखण्ड प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष  ज्योति रौतेला की ओर से वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा ने आज जिलाधिकारी देहरादून को ज्ञापन सौंपा।

आशा ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि इस घटना को मानव जाति एवं भारतीय संस्कृति को कलंकित करने वाली मानसिकता बताते हुए इसकी कठोर शब्दों में निंदा की है।

आशा मनोरमा शर्मा ने कहा कि सांसद जैसे सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा जिस प्रकार का घृणित आचरण किया गया वह भारतीय संसद का अपमान ही नही मानव जाति को शर्मसार करने वाली घटना है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम हैं। सांसद जैसे पद निर्वाचित व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का कार्य करने पर उसे सार्वजनिक स्तर पर फांसी दी जानी चाहिए, ताकि ऐसे दुष्कर्म करने वालों के लिए नजीर साबित हो। उन्होनें यह भी कहा कि  सैकड़ों महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की खबर सामने आने के बाद सत्ताधारी दल की सहायता से जिस प्रकार दुष्कर्मी सांसद देश से भागने में कामयाब हो गया उसके लिए पूरी तरह से भाजपा की मोदी सरकार जिम्मेदार है।

आशा ने कहा कि ने कहा कि जिस प्रकार सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना के सैकड़ों महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के तीन हजार से अधिक वीडियो सामने आये हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा के शासन में देश की महिलाओं की अस्मिता कितनी सुरक्षित है। उन्होनें यह भी कहा कि भाजपा सरकारों मे ंहमेशा ऐसे दुष्कर्मियों को पूरा संरक्षण दिया है। प्रज्ज्वल रेवन्ना का देश छोडकर भागने में कामयाब होना इसका ज्वलंत उदाहरण है।

आशा मनोरमा ने कहा कि जिस नेता के कंधे पर हाथ रखकर देश के प्रधानमंत्री फोटो खिंचवाते हैं, जिस नेता का चुनाव प्रचार करने 10 दिन पहले प्रधानमंत्री स्वयं जाते हैं, भरे मंच से प्रज्जवल रेवन्ना की प्रशंसा करते हैं तथा बेटी बचाओं बेटी पढाओं का नारा देते हैं कर्नाटक के उसी नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना बेटियों की अस्मिता लुटकर देश से फरार हो जाते हैं।

उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस देश के संवैधानिक अधिकारों की रक्षक जो स्वयं एक महिला हैं से मांग करती हैं कि सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना को भारत लाकर भारतीय संविधान में उल्लेखित कानूनों के तहत कठोर से कठोर दंड दिया जाए।

ज्ञापन देने वालो में आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, नजमा खान, उर्मिला थापा, चन्द्रकला नेगी, पूनम सिह, पुष्पा पंवार, निधि नेगी, सर्वेश्वरी, संध्या थापा, मनकला, मालती देवी, सोमवती, सुशीला शर्मा आदि मौजूद रही।

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