अपराधउत्तराखंड

23 लाख रुपए की साइबर ठगी का मास्टर माइंड समेत तीन गिरफ्तार

देहरादून साइबर थाना पुलिस ने आरोपियों से 6 मोबाइल फोन, 16 सिमकार्ड, विभिन्न बैंकों की 42 पासबुक, चेकबुक औ डेबिट कार्ड किए बरामद

  • दुबई, चाइना और पाकिस्तान से जुडे थे साइबर ठगों के तार, भारत में कई लोगों से की ठगी
देहरादून। देहरादून के युवक को नौकरी का झांसा देकर 23 लाख रुपर की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड समेत तीन को उत्तराखण्ड एसटीएफ के देहरादून साइबर थाना पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपियों से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते, 06 मोबाइल फोन, 16 सिमकार्ड, 42 बैंक पासबुक/चेकबुक/डेबिट कार्ड आदि सामान बरामद किया गया है। पकड़े गए साइबर अपराधियों के तार दुबई, चाईना व पाकिस्तान से जुड़े थे। आरोपियों ने भारत के विभिन्न राज्यों में कई लोगों से साइबर ठगी की है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 आयुष अग्रवाल ने बताया कि मोहब्बेवाला, देहरादून निवासी शिकायतकर्ता ने जून-2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया कि उसके द्वरा नौकरी के लिए आनलाईन naukri.com  सर्च किया गया था, जिस पर अज्ञात साइबर ठगों द्वारा पीडित को व्हाट्सएप नं0 से फोन कर बताया कि उन्हें naukri.com  से आपका सीवी रिज्यूम प्राप्त हुआ है। इसके लिए पहले आपको रजिस्ट्रेशन चार्ज 14,800 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। पीडित द्वारा भुगतान करने के बाद lintojacob@hrsuntorybfe.com से इन्टरव्यू के लिए SKYIP  से फोन आया तथा उनके द्वारा लगभग 1 घंटे तक इन्टरव्यू लिया गया। उसके बाद 22 नवंबर .2023 को फाइनल राउंड के लिए इन्टरव्यू लेने के बाद सलेक्शन होने की बात कहकर दस्तावेज वैरिफिकेशन, जॉब सिक्यिोरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा तथा IELTS exam आदि के नाम पर क्वीक सोल्यूशन अकाउंट में रुपये जमा कराए गए। इसके बाद शिकायतकर्ता को बताया गया कि उसके द्वारा IELTS exam के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया, जिस कारण वीजा कैन्सिल किया जा रहा है तथा पीडित का पैसा तीन महीने में वापस करने की बात कही गयी।

इसके बाद पीडित को अन्य व्हाट्सएप नं0 से पुनः कॉल आयी व coca cola uk as AVP (Operation)  में वेकैन्सी होना बताकर फिर से रजिस्ट्रेशन, इण्टरव्यू आदि के नाम से शिकायतकर्ता से पुनः विभिन्न खातों में 22,96,000 रुपये का भुगतान कराया गया।

खास बात यह है कि साइबर ठगों द्वारा शिकायतकर्ता की ई-मेल आईडी पर जानी-मानी कम्पनियों के नाम से मिलती जुलती ई-मेल आईडी jacob@carriercocacola.com, lintojacob@hrsuntorybfe.com,  support@jobphent.se  जो आजकल support@jobphent.com और contact@recuritmentjob.in से सम्पर्क किया गया।।

साइबर थाने के इंस्पेक्ट विकास भारद्वाज के नेतृत्व में गठित टीम ने तकनीकी/डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपियों को चिन्ह्ति किया। टीम ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। कल मास्टर माइण्ड सहित तीन अभियुक्तों को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वैस्ट दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से 06 मोबाइल फोन, 42 बैंक पासबुक/चेकबुक, ड़ेविट/क्रेड़िट कार्ड़ व 16 सिमकार्ड, आधार कार्ड व पैनकार्ड बरामद हुए हैं।
अपराध का तरीका
अपराधी फर्जी आईडी, मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और जानी-मानी कंपनियों से मिलते-जुलते ईमेल पते का उपयोग करके नौकरी चाहने वालों से संपर्क कर उन्हें विदेश में नौकरी का झांसा देकर दस्तावेज सत्यापन, रजिस्ट्रेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट-ट्रैक वीजा आदि के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं।
इन साइबर अपराधियों द्वारा पीड़ितों से ठगी की गई धनराशि को भोले-भाले लोगों के बैंक खाता विवरण का दुरुपयोग करके प्राप्त किया जाता है। वे लोगों के ओरिजिनल आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि लेकर फर्जी बैंक खाते (म्यूल अकाउंट) खोलते हैं, जहां यह पैसा जमा किया जाता है। इन खातों के दस्तावेज और एसएमएस अलर्ट नंबरों को फिजिकली दुबई भेज दिया जाता है।
इस प्रक्रिया में, दुबई का मास्टरमाइंड (पाकिस्तानी एजेंटों) भारतीय सहयोगी को शामिल करता है, जो पूरे बैंक खाते के किट प्राप्त करते हैं। वहीं, चीनी एजेंट व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से क्रिप्टो भुगतान और वास्तविक समय (real time) में यूपीआई विवरणों के लिए निर्देश देते हैं। गिरोह के अन्य सदस्य बिनांस और ट्रस्ट वॉलेट जैसी क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म से USDT (जो क्रिप्टो लेन-देन में उपयोग होता है) खरीदते हैं। USDT को बिनांस वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है और जुड़े हुए विदेशी ठग इसे 90 रुपये प्रति USDT के बजाय 104 रुपये प्रति USDT के भाव से भारतीय रुपये भेजते हैं। मुनाफे को आपस में बांटा जाता है, जिसमें 7 रुपये सचिन को और बाकी 7 रुपये आज़म भाइयों को दिया जाता है। आज़म भाइयों को प्रत्येक फर्जी खाते के लिए अतिरिक्त कमीशन भी मिलता है।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तगणों द्वारा दुबई, चाईना व पाकिस्तान से कनैक्शन होना स्वीकार किया गया है जिनके सम्बन्ध में इनके मोबाइल फोन में भी व्हाट्सएप, टेलीग्राम के माध्यम से चैटिंग होनी पायी जिसमें आपस में बैंक खातों की यूपीआई आईड़ी, खातों की डिटेल्स, क्यूआर कोड़, स्केनर आदि का आदान प्रदान किया गया है इसके अलावा USDT क्रीप्टोकरेंसी में एक दूसरे से खातों में भारतीय रुपया का ट्रान्सेक्सन सम्बन्धी चैटस पाई गयी है।
गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम व पते
  1. अलमास आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ0प्र0 ।
  2. अनस आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ0प्र0
  3. सचिन अग्रवाल पुत्र राजेन्द्र अग्रवाल निवासी सी-34 सेकण्ड फ्लौर कृष्णा पार्क विकासपुरी दिल्ली
गिरफ्तारी पुलिस टीम
  1. निरीक्षक विकास भारद्वाज
  2. उप निरीक्षक राजीव सेमवाल
  3. अपर उप निरीक्षक सुरेश कुमार
  4. कॉन्स0 शादाब अली

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