उत्तराखंड

यौन उत्पीड़न के खिलाफ भारत में मजबूत कानूनी ढांचाः डा. रीमा पंत

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न पर यूकास्ट में जागरूकता कार्यक्रम

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकास्ट) की पाश समिति के सदस्यों द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न पर आज एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य परिषद् में एक सुरक्षित एवं सम्मानजनक वातावरण बनाया जाना था।

कार्यक्रम के शुरुआत में साइंटिफिक अफसर जाग्रति उनियाल द्वारा कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की गयी। यूकास्ट पाश समिति की अध्यक्षा डा0 मन्जु सुन्दरियाल द्वारा समिति के कार्यों एवं अधिकारों के बारे में भूमिका प्रस्तुत की।

मुख्य वक्ता एवं पाश विशषज्ञ डा0 रीमा पंत ने कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (Workplace Sexual Harassment) एक व्यापक समस्या है जो महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। कार्यस्थल पर सैक्सुयल हैरेसमेंट रोकने के लिये उनके द्वारा विस्तार से समझाया गया कि यौन उत्पीड़न के अन्तर्गत कौन-कौन सी शिकायतें किस प्रकार और कहां की जा सकती है। यौन उत्पीड़न एक गंभीर मुद्दा है जो महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, और भारत में इसके खिलाफ मजबूत कानूनी ढांचा मौजूद है, जो पीड़ितों को न्याय और सुरक्षा प्रदान करता है।

यूकास्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत द्वारा पाश समिति के सदस्यों को इसी प्रकार से विभिन्न स्तर पर निरन्तर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु प्रेरित किया एवं परिषद में सुरक्षित परिसर बनाये जाने हेतु दिशा-निर्देंश प्रदान कियें

कार्यक्रम के अन्त में वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी/पाश समिति के सदस्य डा0 पीयुष जोशी द्वारा समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद किया गया। कार्यक्रम में यूकास्ट 40 वैज्ञानिकों, सहायक एवं तकनीकी स्टाफ के द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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