हरकत में आया राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, गोल्डन कार्ड संबंधी समस्याओं का समाधान का दिया भरोसा
राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने 15 दिनों के लिए स्थगित किया धरना-प्रदर्शन
देहरादून। गोल्डन कार्ड संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए आज राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ की एक बैठक प्राधिकरण के आईटी पार्क स्थित कार्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षत करते हुए वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद ने गोल्डन कार्ड से संबंधित समस्याओं का शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया, जिस पर महासंघ ने 15 दिनों के लिए धरना-प्रदर्शन स्थगित करने का निर्णय लिया है।
बैठक में गोल्डन कार्ड में जिन कर्मचारियों के नाम गलत हैं, उन्हें एक सप्ताह में ठीक करने पर सहमति बनी। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा 2023 से जब से गोल्डन कार्ड बने हैं, किसी भी निगम/निकाय/जल संस्थान कर्मचारी को चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है। इस पर वित्त नियंत्रक ने कहा कल से चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।
बैठक में कहा गया कि अभी तक जिन कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं, वह तत्काल अपने विभाग में अप्लाई करें। यदि किसी विभाग में कोई समस्या आ रही है तो विभाग के डीडीओ को बताएं। यदि फिर समस्या का समाधान नहीं हो रहा तो राज्य चिकित्सा प्राधिकरण के कर्मचारी संबंधित विभाग में एक दिन का कैम्प लगाकर समस्या का निराकरण करेंगे।
महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण की सूची में कुछ अस्पताल जो गोल्डन कार्ड नहीं मान रहे हैं और कर्मचारियों के मरीजों को बिना गोल्डन कार्ड से भर्ती कर रहे हैं। डिस्चार्ज करने पर मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। कर्मचारियों को प्रतिपूर्ति में प्राधिकरण के रेट से ही एमओ स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं। जबकि, अस्पताल द्वारा डबल रट पर भुगतान लिया जा रहा है। वित्त नियंत्रक ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों को ऐसे मामलों की लिखित रिपोर्ट प्राधिकरण के सीईओ से करें। यदि अस्पताल ने गोल्डन कार्ड से इलाज नहीं किया तो कर्मचारी को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिल के अलावा जितना पैसा अधिक देना पड़ा है, वह सम्बंधित अस्पताल से वसूल कर कर्मचारियों को दिलाया जाएगा।
बैठक में कहा गया कि जो कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं वह अपना पैसा समय से सेवानिवृत होने के बाद अपने-अपने विभाग में जमा करवा दें ताकि उनका गोल्डन कार्ड सुचारू रूप से चलता रहे। सेवानिवृत्त कर्मचारी एक मुस्त 1 साल या 10 साल का पैसा जमा कर सकता है। यदि कर्मचारी एक साल का जमा करता है उसे प्रत्येक वर्ष अवधि समाप्त होने से पूर्व ही पैसा जमा करना पड़ेगा। यदि कर्मचारी 10 वर्ष के लिए जमा करता है पूरी लाइफ के लिए चिकित्सा उपचार फ्री होगा।
बैठक में प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, अतुल जोशी, अंकुर यादव तथा आरबीआई के मैनेजर सम्मिलित थे। जबकि, राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाई, प्रदेश सचिव बीएस रावत, उपाध्यक्ष टीएस बिष्ट औ संगठन मंत्री दिवाकर शाही उपस्थित थे ।