उत्तराखंड

उत्तराखंड में अब अंग प्रत्यारोपण हुआ आसान, एम्स ऋषिकेश में ’डिवीजन ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट’ शुरू

ऋषिकेश। अंगदान और अंग ट्रांसप्लांट कराने के इच्छुक लोगों के लिए अच्छी खबर है। एम्स ऋषिकेश में इसके लिए अब ’डिवीजन ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट’ नाम से विशेष डिवीजन स्थापित की जा रही है। इस डिवीजन के शुरू होते ही ट्रांसप्लांट सेवाओं को बेहतर ढंग से स्ट्रीम लाईन किया जा सकेगा।

एम्स ऋषिकेश द्वारा अंगदान के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जन जागरूकता कार्यक्रमों का अभियान चलाया जा रहा है। जनवरी माह में इन्ही उद्देश्यों को लेकर संस्थान द्वारा ’अंगदान संकल्प यात्रा’ भी निकाली गई थी। संस्थान द्वारा अब अंग प्रत्यारोपण से सम्बन्धित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए एक अलग डिवीजन गठित की गई है। इसे ’डिवीजन ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट’ नाम दिया गया है। इस बाबत डिवीजन के प्रभारी और जनरल सर्जरी विभाग में ट्रांसप्लांट सर्जन डाॅ. कर्मवीर ने बताया कि गैस्ट्रोएंट्रोलाॅजी विभाग के हेड डाॅ. रोहित गुप्ता, इसी विभाग के डाॅ. आनन्द शर्मा, यूरोलाॅजी विभाग के हेड डाॅ. अंकुर मित्तल और सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलाॅजी विभाग के डाॅ. निर्झर राकेश इस डिवीजन का मार्गदर्शन करने के साथ-साथ प्रक्रिया में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में अंगदान और प्रत्यारोपण कराने के इच्छुक लोगों के लिए इस डिवीजन द्वारा ओपीडी भी संचालित की जाएगी। डाॅ. कर्मवीर ने बताया कि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह की पहल पर शुरू किए गए अंगदान के प्रति शपथ अभियान के तहत नोटो (नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाईजेशन) में अभी तक उत्तराखंड के 3 हजार से अधिक लोगों द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है।

’’ऑर्गन डोनर और ऑर्गन रिसीवर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ’डिवीजन ऑफ आर्गन ट्रांसप्लांट’ में किडनी, लीवर और पेंक्रियाज जैसे जटिल अंगों को प्रत्यारोपित करने की सुविधा प्राप्त होगी। हालांकि पेंक्रियाज ट्रांसप्लांट में अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा जरूरतमंद रोगियों को पहले से उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा इस डिवीजन में अंगदान करने सम्बन्धित आवश्यक जानकारियां, प्रत्यारोपण प्रक्रिया की बारीकियां, डोनर और रिसीवर के लिए आवश्यक स्वास्थ्य प्रोटोकाॅल व मार्गदर्शन सहित ट्रांसप्लांट से सम्बन्धित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। संस्थान शीघ्र ही इसके लिए एक हेल्पलाईन नम्बर भी जारी करेगा। ’’
–प्रो. मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक एम्स ऋषिकेश।

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