उत्तराखंड

उपनल को भवन के लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी सरकार

उपनल के 20 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने की घोषणा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि० (उपनल) के द्वारा 25000 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने तथा पिछले 20 वर्षों में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिये उपनल ने एक संस्था के रूप में स्वयं को अपग्रेड करने का सराहनीय कार्य किया है। उपनल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिशन मोड में काम करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने के लिये उन्होने शुभकामनाएं भी दी। मुख्यमंत्री ने उपनल को देश में नवाचार के क्षेत्र में मॉडल के रूप में पहचान बनने की सलाह दी। उन्होंने घोषणा की कि उपलन के मुख्यालय भवन के लिये देहरादून में निशुल्क भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने इस भवन को पर्वतीय शैली में आधुनिक सुविधा युक्त बनाये जाने को कहा।

सोमवार को डी.एस.ओ.आई. गढ़ी कैंट देहरादून में उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि० के 20 वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी एक सैनिक के बेटे हैं। एक सैनिक परिवार में पले-बढ़े हैं। पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को उन्होंने नजदीक से देखा और समझा है। इसलिए जब हमारी सरकार आयी तो हमने पूर्व सैनिकों को दिया जाने वाला प्रोत्साहन भत्ता तीन महीने के स्थान पर हर महीने दिये जाने का निर्णय लिया, हमारे इस फैसले से 25000 पूर्व सैनिकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 10 साल से कम अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 5000 रूपए और 10 साल से अधिक अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 6000 हजार रूपए प्रति महीने की प्रोत्साहन राशि दे रही है। इसके साथ ही हमने सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहीदों की स्मृति में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। सैनिकों का सम्मान हमारे लिये सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न युद्धों व आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की वीर नारियों एवं आश्रितों को उत्तराखण्ड शहीद कोष से एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान अनुमन्य किया गया है। सरकार द्वारा युद्ध विधवा एवं युद्ध अपंग सैनिकों को दो लाख की आवासीय सहायता भी प्रदान की जाती है । इसी प्रकार स्टाम्प ड्यूटी में छूट सुविधा प्रदान करने वालों में उत्तराखण्ड चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहाँ सेवारत व पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य के स्थायी संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है। इस के साथ ही सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। सैनिक विधवाओं के पुनर्विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों को कक्षा 01 से स्नातकोत्तर एवं व्यावसायिक शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। हमारी सरकार पूर्व सैनिकों के लिए पेट्रोल पंप और मेटेल चेन खोलने के प्रस्ताव पर भी काम कर रही है। इन सेंटरों को चलाने का पूरा काम पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के द्वारा किया जाएगा। जिसमें एक सेंटर पर रोजगार के कम से कम 50 अवसर सृजित होने की उम्मीद है। हमारी सरकार शुरु से ही सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के उत्थान हेतु पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव  दीपेन्द्र चौधरी, चेयरमैन उपनल मे.जनरल (से.नि.) समीर सब्रवाल, एमड़ी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एनएस. बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं संस्थापक उपनल ले.ज. (से.नि.) टी.पी.एस रावत ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी एवं सैनिक उपस्थित थे।

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