देहरादून। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान ने विद्यालयों द्वारा पर्यटक स्थलों और पार्कों की यात्राओं के दौरान बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा विभाग की पहली प्राथमिकता है।
1. बच्चों की विस्तृत जानकारीः विद्यालय यह सुनिश्चित करें कि यात्रा के दौरान प्रत्येक बच्चे की पूर्ण जानकारी उपलब्ध हो, जिसमें उनकी मेडिकल हिस्ट्री (चिकित्सा जानकारी), एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धित विवरण शामिल हों, यह जानकारी किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में सहायक होगी।
2. प्रशिक्षित प्रतिनिधिः विद्यालय यह सुनिश्चित करें कि बच्चों के साथ जाने वाला प्रतिनिधि/शिक्षक प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर जैसे आपातकालीन चिकित्सा प्रबंधन में प्रशिक्षित हो। यह प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से उन व्यक्तियों को दिया जाए जो इस प्रकार की यात्राओं के दौरान बच्चों की देखभाल करेंगे।
3. आपातकालीन प्रबन्धनः यात्रा के दौरान प्राथमिक चिकित्सा किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और यह भी कि बच्चे सुरक्षित परिवहन साधनों में यात्रा कर रहे हो।
4. अभिभावकों की सहमतिः अभिभावकों से लिखित सहमति लेना और उन्हें यात्रा के दौरान उठाए जाने वाले सभी सुरक्षा उपायों की जानकारी देना अनिवार्य हों।
5. संपर्क सूचनाः यात्रा के दौरान सभी बच्चों और उनके परिजनों के साथ संपर्क बनाए रखने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। जैसे अभिभावक का दूरभाष नं इत्यादि।
6. वाहनों की जाँचः यात्रा के दौरान प्रयोग में लाये जा रहे वाहनों की आर०टी० ओ से पास है या नही की जाँच की जाएं। तत्पश्चात् ही वाहन को अधिग्रहित किया जाय।
7. छात्राओं के साथ महिला शिक्षिका की तैनातीः यात्रा में सम्मिलित छात्राओं के साथ महिला शिक्षिका का होना अनिवार्य है, जिससे छात्राओं को किसी भी परिस्थिति में कोई परेशानी हो, तो महिला शिक्षिका का सहयोग लिया जा सकें।
8. वाहन के चालक/परिचालक के सम्बन्ध में यात्रा के दौरान प्रयोग में लिये जा रहे वाहन के चालक परिचालक के सम्बन्ध में समय-समय पर जानकारी ली जाय कि उसके द्वारा किसी नशीले पदार्थों का सेवन तो नही किया गया है या किया जा रहा है। साथ ही चालक/परिचालक के पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड और दूरभाष नं० छात्रों के साथ यात्रा कर रहें अध्यापकों के पास एवं विद्यालय में भी रखा जाय।
9. नदी-नालों से दूरीः यात्रा-भ्रमण के दौरान छात्रध्छात्राओं को नदी-नालों से दूर रखा जाय।