उत्तराखंड

देहरादून अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव आज से शुरू

वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने किया उद्घाटन

देहरादून। आज छठे देहरादून अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव 2025 का रंगारंग शुभारंभ हुआ। यूकास्ट झाझरा में शुरू हुए तीन दिवसीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के इस महोत्सव का उद्घाटन प्रदेश के वन, तकनीकी शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने फीता काटकर किया।

इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हमारा देश विश्व में आज जिस स्थान पर पहुंचा है उसके पीछे सबसे बड़ा योगदान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास का है। उन्होंने कहा कि आज हम स्पेस टेक्नोलॉजी में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है। उन्होंने जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान एक ऐसी वस्तु है जो बांटने से हमेशा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि ज्ञान किसी भी उम्र में किसी भी समय किसी से भी प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रचार प्रसार के लिए इस तरह के आयोजनों की प्रशंसा की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड के विकास में अमूल्य योगदान देने वाली वैज्ञानिक संस्थाओं को सम्मानित किया, जिनमें प्रमुख रूप से इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम के निदेशक डॉक्टर हरिंदर सिंह बिष्ट, ओएनजीसी लिमिटेड के हेड कॉर्पोरेट नीरज कुमार शर्मा, उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल, सौगंध पौधा केंद्र के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान, नाबार्ड उत्तराखंड के मुख्य महा प्रबंधक पंकज यादव, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया के निदेशक डॉ संजय गुप्ता, जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर गौरव शर्मा जेएसडब्ल्यू एनर्जी के निदेशक ज्ञान भद्र कुमार को स्मृति चिन्ह, अवॉर्ड सर्टिफिकेट और उत्तराखंड मैं पाई जाने वाली बिच्छू घास के रेशे से बना अंग वस्त्र भेंट किया।

समारोह में अध्यक्षीय भाषण देते हुए पदमश्री पदम भूषण डॉ.अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि सन 1800 से पूर्व अमेरिका का पूरे विश्व की जीडीपी में केवल 5% योगदान था लेकिन वैज्ञानिक क्रांति के बाद उसका जीडीपी के अंदर बहुत बड़ा योगदान हो गया है और यह जो बढ़ोतरी है यह केवल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास के कारण संभव हो पाई है। इसलिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास बहुत ही जरूरी है और इसके लिए देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव जैसे आयोजन समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं चेतना विकसित करने का कार्य कर रहे है।

यूकास्ट के महानिदेशक डॉक्टर दुर्गेश पंत ने अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का आभार एवं स्वागत व्यक्त करते हुए कहा कि यू कास्ट विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से जन-जन को आजीविका से और तकनीक से जोड़ने के कार्य में संलग्न है।

कार्यक्रम में सम्मानित अतिथियों के अलावा उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अमित अग्रवाल कुलसचिव डॉ. राजेश उपाध्याय, डीआइटी विश्वविद्यालय के डॉ. नवीन सिंघल तथा तकनीकी शिक्षा के पूर्व निदेशक डॉ. आर पी गुप्ता एवं तमाम संख्या में वैज्ञानिक एवं रिसचर्स एवं छात्र उपस्थित थे। मंचासीन सभी अतिथियों का स्वागत देहरादून अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी महोत्सव के आयोजन सचिव डॉ. कुमार राज अस्थाना ने एक पौधा भेंट करके किया।

इससे पूर्व आज देहरादून अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी महोत्सव के पहले दिन साइंस पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 39 छात्र-छात्राओं को विभिन्न श्रेणियां में डॉ. अनिल प्रकाश जोशी द्वारा आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। इसी के साथ यंग साइंटिस्ट एवं स्टार्टअप कॉन्क्लेव में 20 से भी अधिक स्कूलों की टीम ने भाग लिया और अपने-अपने स्टार्टअप आईडियाज को प्रस्तुत किया। इनमें से चार स्कूल टीम को 10-10 हजार रुपए की धनराशि देकर पुरस्कृत किया गया। इसके साथ एयर मॉडलिंग की वर्कशॉप में 200 से अधिक बच्चों ने छोटे लकड़ी के हवाई जहाज बनाने की ऑन स्पॉट ट्रेनिंग ली और हवाई जहाज उड़ाकर बहुत आनंदित महसूस किया। वर्कशॉप ऑन रोबोटिक्स में 100 से अधिक छात्रों ने रोबोटिक्स के कार्य प्रणाली और छोटे रोबोटिक मॉडल बनाकर बहुत ही आनंद महसूस किया। साथ ही छात्रों और विज्ञान प्रेमियों ने टेलीस्कोप से सूर्य को नजदीक से देखा और जाना। इसके अलावा 2000 से अधिक बच्चों ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी एग्जीबिशन और आंचलिक विज्ञान केंद्र का भ्रमण किया। अभी 2 दिन और यह कार्यक्रम चलेगा जिसमें आंचलिक विज्ञान केंद्र का भ्रमण सभी बच्चों के लिए निशुल्क रूप से खुला रहेगा और साइंस एंड टेक्नोलॉजी एग्जिबिशन भी सभी आमजन के लिए खुली रहेगी।

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