मुख्यमंत्री ने शुरू किया “विकसित कृषि संकल्प अभियान“
12 जून तक गांव-गांव जाएंगे कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी

- “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ का लाभ उठाएं प्रदेश के किसान: मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ की शुरुआत करते हुए कहा कि, अभियान के दौरान कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी राज्य के 95 विकासखंडों, 670 न्याय पंचायतों और 11440 गाँवों में किसानों से संवाद करेंगे।
गुरुवार को गुनियाल गांव से इस अभियान की शुरुआत करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 29 मई से 12 जून तक देशभर के 700 से अधिक जिलों में 2000 से अधिक वैज्ञानिक दलों द्वारा डेढ़ करोड़ किसानों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा। इस अभियान के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में तीन टीमें गठित की गई हैं, जो प्रतिदिन तीन स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करेंगी, ऐसे प्रत्येक कार्यक्रम में 600 से अधिक किसानों के साथ संवाद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि, जलवायु और ज़रूरत के अनुसार उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी देने के साथ-साथ मृदा परीक्षण के आधार पर लाभकारी फसलों के चयन के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही, कृषि, पशुपालन, बागवानी जैसी योजनाओं की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। अभियान के माध्यम से किसानों के अनुभव, पारंपरिक ज्ञान, नवाचार और सुझावों को भी संकलित किया जाएगा, जिससे भविष्य में वैज्ञानिक शोधों को और अधिक व्यावहारिक बनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अभियान हमारे राज्य के कृषि क्षेत्र को आधुनिकता और नवाचार के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के साथ-साथ हमारे अन्नदाताओं को सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि गुनियाल गांव में सामुदायिक भवन का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कराने एवं सौंग नदी के गिरते हुए जल स्तर को रोकने के लिए गुनियालगांव के निचले क्षेत्र में दो स्थानों पर आरसीसी दीवार, चैक डैम तथा कट ऑफ वॉल बनाई जायेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प अभियान’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उत्तराखंड में पंतनगर, भरसार और अल्मोड़ा जैसे प्रतिष्ठित कृषि संस्थानों की मौजूदगी से यह अभियान और भी प्रभावशाली होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2025-26 विपणन सत्र के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 50 से 60 प्रतिशत तक वृद्धि को मंजूरी दी है। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री केंद्रीय कृषि मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि इससे देश भर के करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा।
इस अवसर पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, दायित्वधारी भुवन विक्रम डबराल, सचिव कृषि एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान, कुलपति पंतनगर विश्वविद्यालय डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति भरसार विश्वविद्यालय डॉ. प्रमेन्द्र कौशल मौजूद थे।