उत्तराखंड

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गढ़वाल विश्वविद्यालय में भव्य कार्यक्रम का आयोजन

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल के बिड़ला परिसर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का अयोजन हुआ, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत शामिल हुए। कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित मशरूम लेडी नाम से प्रचलित दिव्या रावत भी समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।

विश्वविद्यालय के छात्र अधिष्ठाता कल्याण के संयोजन में एसीएल सभागार में कार्यक्रम का उद्घाटन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। उन्होंने प्रदेश में महिलाओं के लिए चलाई जा रही 25 सरकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए महिला सशक्तिकरण के कई तथ्य सामने रखे और कहा कि आज प्रदेश में बालिका शिक्षा के आंकडे़ अन्य राज्यों की अपेक्षा उच्च स्तर के हैं और पंचायत में 50 फीसदी महिला आरक्षण से लेकर कॉपरेटिव क्षेत्र में 33प्रतिशत आरक्षण देने से प्रदेश में महिलाओं की स्थिति अभूतपूर्व रूप से सुधरी है। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय को एक एम्बुलेंस देने और परिसर में विवेकानन्द की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की है। इस असवर पर उच्च शिक्षा मंत्री ने डॉ राकेश नेगी की पुस्तक ‘भारतीय महिलाओं में राजनीतिक सक्रियता‘ पुस्तक का विमोचन किया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मशरूम लेडी दिव्या रावत ने महिला स्वरोजगार और पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिकी पैदा करने के क्षेत्रों पर अपने विचार दिए। उन्होंने कहा कि बहुत कम आमदनी के लिए युवा दूसरे प्रदेशों का रूख करते हैं जबकि सरकारी योजनाओं और उनके मशरूम परिवार से जुड़कर अपने-अपने क्षेत्रों में युवा आर्थिकी पैदार कर सकते हैं।

इस अवसर पर संकायाध्यक्ष मानविकी एवं समाजिक विज्ञान प्रो हिमांशु बौड़ाई ने महिलाओं की स्थिति पर कई तथ्य रखे और महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्वाबलम्बन के क्षेत्र में विकास को लेकर अपने विचार रखे। वहीं उपजिलाधिकारी नुपुर वर्मा ने महिला दिवस पर अपनी 20 वर्ष पुरानी स्वरचित कविता के माध्यम से पर्वतीय महिलाओं की स्थिति बंया की। कार्यक्रम में प्रजापति ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय के बीके मेहर चन्द ने भारत के एतिहासिक परिदृश्य में महिलाओं के साथ हुए अन्याय और उनकी संघर्षमयी योगदान पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएमएस रौथाण ने सभी वक्ताओं के विचारों पर अपनी सारगर्भित टिप्पणी रखते हुए कहा कि महिलाओं का जीवन जन्म लेने के पूर्व से बाद तक हमेशा संघर्ष भरा रहता है हालांकि महिलाओं को सरकार आज मुख्य धारा में पुरूष के समकक्ष लाने की दिशा की दिशा में भरसक प्रयास कर रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा हासिल कर रही महिलाओं की स्थिति के आंकड़े पेश किए और कहा कि उच्च शिक्षा में महिलाएं पुरूषों से ज्यादा अव्वल भागीदारी निभा रही हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष जसवंत राणा ने भी महिला अधिकारों और समाज में महिलाओं को बराबरी के आधार पर सम्मान देने की बात कही।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो ओपी गुंसाई ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी और सभी वक्तााओं के प्रति आभार। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के द्वारा एंबुलेस सुविधा और अन्य घोषणाओं के लिए भी विशेष आभार जताया और कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए उन्होंने एनएसएस इकाई के छात्र-छात्राओं और संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों-कर्मचारियों और अन्य सभी सहभागियों क धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम का संचालन एनएसएस प्रभारी डॉ राकेश नेगी व राजनीतिक विज्ञान की शोध छात्रा नलिनी जोशी और अपराजिता ने किया तथा कार्यक्रम में मुख्य नियंता प्रो एससी सती, संकायाध्यक्ष प्रो मंजुला राणा, प्रो किरन डंगवाल, प्रो राकेश कुंवर, प्रो बी.पी. नैथानी, प्रो गुड्डी बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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