शिक्षा

एसजीआरआर पब्लिक स्कूल वसंत विहार के बाल वैज्ञानिकों ने दिखाई प्रतिभा

बाल वैज्ञानिक आदर्श भट्ट का नवाचार राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित

  • श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने दी बधाई

देहरादून। उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी.), ननूरखेड़ा, देहरादून में  6 अगस्त 2025 से प्रारंभ हुई दो दिवसीय इंस्पायर अवार्ड मानक राज्य स्तरीय प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता में एसजीआरआर पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी में भाग लेने का गौरव प्राप्त हुआ। 15 प्रतिभागियों में से एक बाल वैज्ञानिक आदर्श भट्ट, छात्र श्री गुरु राम राम पब्लिक स्कूल वसंत विहार, देहरादून के नवाचार को भी राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया है। श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने आदर्श भट्ट एवम् अन्य प्रतिभागियों को बधाई एवम् शुभकामनाएं दीं। यह नवाचार प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित है। यह विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती रितु गुप्ता के दिशानिर्देशन में तैयार किया गया। यह नवाचार सार्वजनिक शौचालयों को प्रयोग हेतु स्वच्छ और सुरक्षित बनाएगा। इस उपलब्धि पर विद्यालय में उत्साह का वातावरण है।

इस अवसर पर डॉ. आशीष रतूड़ी, असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉल्फिन इंस्टीट्यूट ने बाल वैज्ञानिकों को संबोधित किया और सौरभ शुक्ला का उदाहरण देते हुए खगोल विज्ञान एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अध्ययन की सलाह दी।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित एवं एस.सी.ई.आर.टी. के प्रवक्ता आर.पी. बडोनी ने हैकाथान 2.0 के संबंध में छात्रों एवं शिक्षकों के लिए ‘इन्नोवेट उत्तराखंड पोर्टल’ पर विस्तृत चर्चा की। वर्ष 2018-19 में जापान सरकार एवं भारत सरकार के संयुक्त ‘सकुरा कार्यक्रम’ के अंतर्गत जापान यात्रा कर चुके उत्तराखंड के बाल वैज्ञानिक जतिन चैहान ने भी अपने अनुभव प्रतिभागियों के साथ साझा किए।

निर्णायक मंडल में शामिल डॉ. राकेश जुगराण (पूर्व प्राचार्य, डाइट) ने विज्ञान आधारित कविता के माध्यम से छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान तभी सार्थक है जब उसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। भारत सरकार की स्वायत्त संस्था नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईए) से डॉ. पारस ने प्रस्तुत प्रोटोटाइप की मौलिकता, नवीनता एवं सामाजिक उपयोगिता पर विचार रखते हुए इंस्पायर अवार्ड की महत्ता पर प्रकाश डाला। इंस्पायर अवार्ड राज्य समन्वयक डॉ. अवनीश उनियाल ने कहा कि समाज में फैली अंधविश्वास रूपी कुरीतियों को केवल विज्ञान एवं तार्किक सोच के माध्यम से ही समाप्त किया जा सकता है।

कार्यक्रम के समापन पर एस.सी.ई.आर.टी. के अपर निदेशक पद्मेंद्र सकलानी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जीवन में चुनौतियों का सामना करते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहना ही सफलता की कुंजी है। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हेतु चयनित 15 प्रतिभागियों की घोषणा भी की गई, जिन्हें प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button