उत्तराखंड

MDDA बोर्ड बैठक में  41 प्रस्तावों को स्वीकृति, देहरादून महायोजना 2041 की आपत्तियों की सुनवाई शीघ्र

धौलास आवासीय परियोजना के शेष कार्यों को पूरा करने के लिए मिली ₹50 करोड़ ऋण की स्वीकृति

  • देहरादून का नियोजित और पारदर्शी विकास हमारी प्राथमिकता- विनय शंकर पांडेय
  • जनहित से जुड़े निर्माण कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा- बंशीधर तिवारी

देहरादून। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की 112वीं बोर्ड बैठक आज आयुक्त गढ़वाल मंडल एवं बोर्ड के अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक की शुरुआत में उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने अध्यक्ष एवं सभी  सदस्यों का स्वागत किया। इसके उपरांत सचिव मोहन सिंह बर्निया ने पिछली 111वीं बोर्ड बैठक की अनुपालन आख्या बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत की। बोर्ड द्वारा उसे अनुमोदित किए जाने के पश्चात 112वीं बैठक की कार्यवाही औपचारिक रूप से प्रारंभ हुई।

विकास से जुड़े 41 प्रस्तावों पर हुई व्यापक चर्चा
बैठक में एमडीडीए से संबंधित लगभग 41 महत्वपूर्ण प्रकरणों पर विचार-विमर्श किया गया। इनमें ईको-रिज़ॉर्ट, होटल, व्यावसायिक निर्माण, आवासीय मानचित्र स्वीकृति, तलपट अनुमोदन आदि प्रस्ताव शामिल थे। गहन चर्चा के उपरांत, जनहित और नियामकीय दृष्टि से उपयुक्त प्रस्तावों को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं, कुछ प्रकरणों को बोर्ड की सहमति न मिलने के कारण निरस्त कर दिया गया तथा कुछ को आगामी बैठक हेतु विचाराधीन रखा गया।

देहरादून महायोजना 2041 पर गहन मंथन
बैठक में देहरादून महायोजना-2041 (प्रारूप) से संबंधित आपत्तियों और सुझावों पर विशेष रूप से चर्चा की गई। अध्यक्ष ने अवगत कराया कि महायोजना के संबंध में पूर्व में प्राप्त आपत्तियों के अतिरिक्त वर्तमान में भी अनेक सुझाव एवं अभ्यावेदन प्राधिकरण में प्राप्त हो रहे हैं। विशेष रूप से उत्तराखंड इंजीनियर्स एवं आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन द्वारा दिए गए प्रत्यावेदन में प्रारूप महायोजना में भौगोलिक स्तर पर पाई जा रही विषमताओं का उल्लेख किया गया है। बोर्ड ने इस पर विचार करते हुए निर्णय लिया कि प्राप्त सभी आपत्तियों की सुनवाई शीघ्र उपाध्यक्ष एमडीडीए के समक्ष कराई जाए तथा प्राप्त निष्कर्षों से शासन को अवगत कराया जाए, ताकि महायोजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और व्यवहारिकता सुनिश्चित की जा सके।

हुडको से ₹50 करोड़ ऋण लेने का प्रस्ताव शासन द्वारा स्वीकृत
मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की धौलास आवासीय परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने की दिशा में बड़ी पहल की गई है। परियोजना की संशोधित लागत ₹102.74 करोड़ (जीएसटी एवं समस्त करों सहित) निर्धारित की गई है। इसके वित्त पोषण के लिए ₹50 करोड़ का ऋण हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) से लेने का प्रस्ताव शासन द्वारा सशर्त स्वीकृत कर दिया गया है। प्रमुख सचिव, आवास अनुभाग-02 द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ऋण की प्रतिपूर्ति की जिम्मेदारी शासन की नहीं होगी और इस प्रस्ताव पर प्राधिकरण बोर्ड का अनुमोदन अनिवार्य रहेगा। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि बोर्ड की स्वीकृति के बाद अब परियोजना के अवशेष कार्यों को तेजी से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धौलास आवासीय परियोजना देहरादून में आधुनिक आवासीय सुविधाओं को नया आयाम देगी।

जनसहभागिता और पारदर्शिता पर बल

बोर्ड बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विकास योजनाओं में जनसहभागिता को बढ़ावा देने के लिए सुझाव प्राप्त करने की प्रक्रिया को और अधिक सुलभ बनाया जाएगा। ऑनलाइन माध्यमों से आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया को सशक्त करने पर भी बल दिया गया, ताकि नागरिकों को पारदर्शी एवं समयबद्ध सेवा मिल सके।

बैठक में रहे ये सदस्य उपस्थित
बैठक में  विजय कुमार (संयुक्त सचिव वित्त, नामित प्रतिनिधि),  कृष्ण कुमार मिश्र (एडीएम, एफआर), धीरेन्द्र कुमार सिंह (संयुक्त सचिव, आवास),  संतोष कुमार पांडेय (उपनगर अधिकारी, नगर निगम देहरादून),  एस.एम. श्रीवास्तव (मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, उत्तराखंड),  मोहन सिंह बर्निया (सचिव एमडीडीए), गौरव चटवाल (संयुक्त सचिव एमडीडीए), संजीव कुमार सिंह (वित्त नियंत्रक एमडीडीए),  एच.सी.एस. राणा (मुख्य अभियंता एमडीडीए),  सुनील कुमार (अधिशासी अभियंता), तथा  अजय कुमार मलिक (सहायक अभियंता) सहित प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक के अंत में अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय राजधानी देहरादून के संतुलित, हरित और योजनाबद्ध विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

एमडीडीए राजधानी देहरादून के सुनियोजित और संतुलित विकास के लिए कार्य कर रहा है। हमारी प्राथमिकता है कि सभी विकास परियोजनाएं पारदर्शी ढंग से, नियमों के अनुरूप और आम नागरिकों के हित में क्रियान्वित हों। देहरादून महायोजना-2041 से संबंधित सभी आपत्तियों की निष्पक्ष सुनवाई होगी ताकि शहर का विकास वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जनहित के अनुरूप हो सके। उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में पारित निर्णय राजधानी के विकास को गति देंगे और नागरिकों की सुविधा को केंद्र में रखकर शहर को एक सस्टेनेबल अर्बन मॉडल के रूप में विकसित करने की दिशा में सहायक सिद्ध होंगे। – विनय शंकर पांडेय, आयुक्त गढ़वाल मंडल एवं एमडीडीए अध्यक्ष

प्राधिकरण का लक्ष्य है कि आम नागरिकों को सुविधा देने वाली योजनाओं को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए। ईको-रिज़ॉर्ट, होटल और आवासीय प्रोजेक्ट जैसे प्रस्ताव न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मज़बूती देंगे, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि एमडीडीए की टीम शहर के सौंदर्यीकरण, यातायात प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा और निगरानी कर रही है।- बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष एमडीडीए

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