मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और शुगर से पीड़ित पुलिस कर्मियों की प्रत्येक शुक्रवार को कराई जाएगी परेड
कुमाऊं पुलिस ने मुख्यमंत्री के “फिट उत्तराखण्ड” पहल को साकार करने के लिए उठाए कई महत्वपूर्ण कदम

- आईजी कुमाऊं रेंज रिद्धिम अग्रवाल ने जनपद प्रभारियों को पुलिस कर्मियों को स्वस्थ, सक्रिय और कर्तव्य के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित करने के दिए निर्देश
- कुमाऊं रेंज के समस्त जनपदों के प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) होंगे पुलिस स्वास्थय कल्याण अधिकारी
- जीवन शैली बेहतर बदलाव के लिए पोषण विशेषज्ञों से दिलवाया जायेगा उचित परामर्श
- गम्भीर रोग से पीड़ित कार्मिकों को प्राथमिकता के आधार पर दिए जाए नियमानुसार अवकाश
- गम्भीर बिमारी से पीड़ित कार्मिक की स्थिति की जानकारी के लिए परिजनों से संपर्क करेंगे पुलिस उपाधीक्षक
नैनीताल। मुख्यमंत्री के “फिट उत्तराखण्ड” पहल को साकार करने के लिए उठाए कुमाऊं पुलिस ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने समस्त जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया कि सर्वप्रथम अपने-अपने जनपद में ऐसे कार्मिकों को चिन्हित करें, जो मोटापे, उच्च रक्त चाप, शुगर जैसी बिमारियों से प्रभावित हैं इन कार्मिकों की प्रत्येक शुक्रवार की परेड में उपस्थिति सुनिश्चित कराकर चिकित्सक द्वारा इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। इसके साथ ही ऐसे कार्मिकों को योगा, शारीरिक अभ्यास किये जाने एवं संतुलित आहार लेते हुए जीवन शैली में सुधार हेतु प्रेरित किया जाये, जिससे भविष्य में होने वाली गम्भीर बिमारियों से बचा जा सके।
आईजी अग्रवाल ने बताया कि पुलिस विभाग में कुछ कर्मचारी गम्भीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, किडनी/लीवर फेलयर आदि से पीडित चल रहे हैं, ऐसे कार्मिकों के स्वास्थ्य की नियमित देखभाल एवं परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ किये जाने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद में पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस लाइन के पर्यवेक्षण में प्रतिसार निरीक्षक, पुलिस लाइन को पुलिस स्वास्थ्य कल्याण अधिकारी नामित करते हुए, राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं का शत- प्रतिशत लाभ मुहैया कराने हेतु निम्न कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये ।
उन्होंने बताया कि यदि गम्भीर बीमारी से पीड़ित किसी भी कार्मिक को आकस्मिक उपचार कराना पड़े तो उसे जनपद, रेंज तथा मुख्यालय स्तर से प्रदान की जाने वाली जीवन रक्षक निधि से तत्काल धनराशि प्रदान करते हुए उपचार हेतु अच्छी चिकित्सीय व्यवस्था के लिए अच्छे हॉस्पिटल रेफर कराया जाए। गम्भीर रोग से पीड़ित कार्मिक का जिस चिकित्सालय में उपचार कराया जा रहा है, उस चिकित्सालय के प्रबन्धन/चिकित्सक से समस्त जनपद प्रभारी द्वारा स्वयं समन्वय स्थापित कर उपचार की नियमित व्यस्था करायी जाएं।
आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि गम्भीर रोग से पीड़ित कार्मिकों को सहायता प्रदान करना एक मानवीय कर्तव्य भी है। इससे न केवल उसकी मानसिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि उत्तराखण्ड पुलिस परिवार की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व की भावना भी परिलक्षित होगी, इसलिए पुलिस उपाधीक्षक पुलिस लाइन का दायित्व होगा कि माह में कम से कम एक बार दूरभाष व एक बार व्यक्तिगत रुप से उसके परिजनों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर उसका समाधान किये जाने हेतु हर सम्भव प्रयास किया जाये।
आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि यदि कार्मिक का उपचार आयुष्मान, गोल्डन कार्ड के पैनल में अन्यत्र चिकित्सालय में अथवा ओपीडी में हो रहा है, तो कार्मिक के उपचार पर व्यय धनराशि बिल/वाउचर के भुगतान हेतु सम्बन्धित बिलों को समय से प्राप्त करते हुए प्रतिपूर्ति हेतु नियमानुसार स्वयं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से समन्वय स्थापित करते हुए उनका भुगतान कार्मिकों को यथाशीघ्र काराये जाने हेतु सतत् प्रयास किये जाये । गम्भीर रोग से पीड़ित कार्मिकों को नियमानुसार देय अवकाश सहजता एवं प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत किये जाये ।