उत्तराखंडराजनीति

धामी सरकार में न महिलाएं सुरक्षित और न पत्रकारः डॉ. प्रतिमा सिंह

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता डॉ0 प्रतिमा सिंह ने उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि पुष्कर सिंह धामी सरकार में राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह गर्त में चली गई है। यहां पर न महिलाओं की आवरु सुरक्षित है और न ही लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ माने जाने वाले पत्रकार। राज्य पूरी तरह से गुडों और माफिया की शरण स्थली बन चुका है। राज्य में आये दिन जिस प्रकार नाबालिगों से बलात्कार और हत्या की घटनायें घट रही हैं, उससे भाजपा के बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा खोखला और चुनावी नारा साबित हो चुका है। अब निष्पक्षता से पीडित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाने वाले लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ माने जाने वाले पत्रकारिता जगत पर भी हमले हो रहे हैं। जिस प्रकार अंकिता भंडारी हत्याकांड को उठाने वाले योगेश डिमरी पर ऋषिकेश में जानलेवा हमला हुआ है उससे राज्य की ध्वस्त कानून व्यवस्था और सरकार के संरक्षण में पल रहे माफिया राज की पोल खुल गई है जोकि गम्भीर चिंता का विषय है।

डॉ0 प्रतिमा सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार के पिछले तीन वर्ष के कार्यकाल में एक के बाद एक घट रही सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटनाओं से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में कानून नाम की कोई चीज शेष नहीं रह गई है। पुलिस प्रशासन सत्ता के दबाव में बेबस नजर आ रहा है। पीड़ितों को न्याय के लिए आवाज उठाने वाले पत्रकारों की आवाज को उन पर जानलेवा हमले कर बाहुबल से दबाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य का शासक रोम जलने पर नीरो की तरह बंसी बजाता दिखाई दे रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य में नाबालिगो के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या की घटनाओं में सत्ताधारी दल के नेताओं की संलिप्तता ने न केवल देवभूमि को कलंकित किया है अपितु अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से राज्य सरकार के मुंह पर भी कालिख पुत गई है। उन्होंने कहा कि आज सरकार से न्याय की मांग करना भैंस के आगे बीन बजाने जैसा हो गया है।

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