देहरादून। जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा द्वारा कल शुक्रवार से पूरे प्रदेश में शुरू आन्दोलन आज भी जारी रहा। आज उत्तराखण्ड के सभी जनपद/नगर मुख्यालयों में जल संस्थान-जल निगम कार्मिकों द्वारा धरना दिया गया, जिसमें दोनों विभागों का एकीकरण करते हुए राजकीयकरण की मांग पुरजोर तरीके से उठायी गयी।
देहरादून में नेहरू कॉलोनी स्थित जल संस्थान मुख्यालय में विशाल धरना आयोजित किया गया। धरने की अध्यक्षता जितेंद्र सिंह देव द्वारा की गयी तथा सभा का संचालन शिशुपाल रावत द्वारा किया गया। संयोजक रमेश बिंजोला ने कहा कि कुछ पूर्व अधिकारी जिनके द्वारा अभी तक केंद्रीय सामानों की खरीद में ठेकेदारी की जा रही है, के द्वारा इस भय से की एकीकरण व राजकीयकरण होने से उनके काले कारनामें उजागर हो जायेंगे, अपने कुछ जैबी संगठनों जिनको न तो मान्यता प्राप्त है, न ही उनके संगठन में सदस्यों की संख्या मानकों के अनुरूप है, के द्वारा भ्रम फैलाने के लिए गलत बयानबाजी की जा रही है।
इस सम्बन्ध में आज जल संस्थान मुख्यालय में मुख्य महाप्रबन्धक नीलिमा गर्ग की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में, जिसमें सभी वरिष्ठ विभागीय अधिकारी तथा मोर्चा के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, यह सर्वसम्मति से तय किया गया है कि तत्काल राजकीयकरण के साथ एकीकरण हो, परन्तु सचिव प्रशासन द्वारा गलत विज्ञप्ति जारी करते हुए 6 माह तक राजकीयकरण को लटकाने का प्रयास किया गया है, इसकी जल संस्थान-जल निगम संयुक्त मोर्चा कड़ी निदा करता है।
सभा संचालक शिशुपाल सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान के कार्मिकों की प्रमुख माँग राजकीयकरण की है और जल निगम-जल संस्थान का एकीकरण करते हुए तुरन्त राजकीय विभाग घोषित किया हित एकीकरण व राजकीयकरण होने से प्रभावित हो रहे हैं, उनके द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि शासन द्वारा केवल एकीकरण करने पर सहमति दी गई है, राजकीयकरण पर नहीं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा द्वारा पुनः यह स्पष्ट किया जाता है कि राजकीयकरण से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा। साथ ही राज्य हित के इस विषय पर अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के कारण अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रहे अधिकारियों का कच्चा चिट्ठा भी मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा।
संयोजक गढ़वाल श्याम सिंह नेगी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन अधिकारियों के द्वारा एकीकरण व राजकीयकरण की राह में रोडे अटकाए जायेंगे और अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए कर्मचारियों का अहित किया जायेगा उनका पोल खोल कार्यक्रम भी मोर्चा द्वारा किया जा सकता है।
उत्तराखण्ड पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ के महासचिव गौरव बर्तवाल द्वारा कहा गया कि इस समय उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान के सभी कर्मचारी एकजुट हैं तथा दिनांक 27 फरवरी, 2024 को प्रदेश स्तरीय विधानसभा घेराव कार्यक्रम के उपरांत भी यदि सरकार द्वारा राजकीय विभाग घोषित करने की माँग पूरी नहीं की गई तो 28.02. 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प शेष नहीं है। उनके द्वारा बताया गया कि संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी नहीं चाहते कि हड़ताल के कारण आम जनता को कोई दिक्कत हो, परन्तु अपने व्यक्तिगत स्वार्थ को पूरा करने के लिए उच्च अधिकारी, कर्मचारी की माँग की पैरवी जानबूझकर शासन में ढंग से नहीं कर रहे हैं, ताकि एकीकरण व राजकीयकरण की माँग पूरी न हो पाए। यदि हड़ताल होती है तो इसका पूर्ण उत्तरदायित्व इन अधिकारियों का होगा।
बैठक में रमेश विंजोला, विजय खाली, श्याम सिंह नेगी, राम चन्द्र सेमवाल, संदीप मल्होत्रा, आनंद सिंह राजपूत, लक्ष्मी नारायण भट्ट, राम कुमार, भजन सिंह चौहान, लाल सिंह रौतेला, शिशुपाल सिंह रावत, आशीष तिवारी, सुमीत पुन्न, हेमन्त कुमार, भानु प्रताप चौहान, वीर बहादुर आदि कर्मचारी उपस्थित थे।