युवाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर जरिया बन रही पर्यटन विभाग की होम स्टे योजना
चमोली जनपद में योजना का लाभ लेकर 169 युवा कर रहे होम स्टे का संचालन

उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और स्वरोजगार सृजन की मंशा से वर्ष 2018 में दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना (होम स्टे योजना) का शुभारंभ किया। जिसके तहत पर्यटन विभाग की ओर से राज्य में घरों पर ही पर्यटकों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निर्माण व रख-रखाव के लिए अनुदान की व्यवस्था की गई। जिसके तहत चमोली जनपद में वर्ष 2018 से वर्तमान तक 169 लोगों को होमस्टे योजना से लाभान्वित किया गया है। योजना शुभारंभ के साथ वर्ष 2018-19 में जहां 2 लोगों को योजना से लाभांवित किया गया। वहीं वर्ष 2019-20 में 17, वर्ष 2020-21 में 27, वर्ष 2021-22 में 14, वर्ष 2022-23 में 35, वर्ष 2023-24 में 32, वर्ष 2024-25 में 31 तथा चालू वित्तीय वर्ष में वर्तमान तक 11 लोगों को योजना का लाभ दिया गया है। योजना से जुड़कर जनपद में युवा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार कर रहे हैं। जिले की दूरस्थ उर्गम घाटी, वांण के साथ जिले में जोशीमठ, बदरीनाथ धाम, बेनीताल सहित अन्य पर्यटक और तीर्थ स्थलों के समीप व यात्रा मार्गों पर युवाओं की ओर से होमस्टे का संचालन किया जा रहा है। योजना के संचालन से जहां युवाओं को घर पर स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है। वहीं पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को भी सुगमता से आवासीय सुविधा उपलब्ध हो रही है।
होमस्टे योजना के लिए ऐसे करें आवेदन
उत्तराखंड में दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन हार्डकॉपी पर्यटन विकास अधिकारी कार्यालय में जमा करनी होगी। पंजीकरण के लिए, आपको अपने घर के पंजीकरण हेतु स्थानीय निकाय/ग्राम प्रधान से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा और फिर इसे जिला पर्यटन विकास अधिकारी को सौंपना होगा। आवेदन प्राप्ति की 30 दिनों की समय-सीमा के भीतर अधिकारी पंजीकरण की कार्यवाही पूरी करेंगे।
चमोली में दीनदयालय उपाध्याय गृह आवास विकास योजना के तहत लाभार्थियों को होमस्टे निर्माण के लिए सरकार की ओर निर्धारित 50 प्रतिशत अनुदान के साथ ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही योजना के तहत लाभार्थि को ब्याज पर सालाना डेढ़ लाख तक की धनराशि भी विभाग की ओर से प्रदान की जा रही है। वहीं होमस्टे संचालन के लिए समय-समय पर संचालकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। – अरविंद गौड़, जिला पर्यटन अधिकारी, चमोली।