देहरादून। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस समय विधासनसभा में पत्रकार वार्ता कर कर्मकार कल्याण बोर्ड पर अपनी सफाई दे रहे हैं। रावत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तत्कालीन वित्त मंत्री प्रकाश पंत के अनुमोदन के बाद श्रम विभाग ने कोटद्वार में 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल के लिए 20 करोड़ रुपये दिए।
कर्मकार कल्याण बोर्ड में अपने तीन वर्षो की उपलब्धियों गिनाते हुए रावत ने कहा कि पिछले सरकारों के सात साल के कार्यकाल में बोर्ड ने केवल एक लाख 90 हजार मजदूरों का पंजीकरण किया गया। जबकि, उनके दो साल के कार्यकाल में एक लाख 80 हजार पंजीकरण हुए।
उन्होंने कहा कि 2008-17 में लेबर सेस के 173 करोड रुपये मिले। लेकिन, मेरे तीन साल (कोविड के एक साल को छोड़ दिया जाए तो दो साल) के कार्यकाल में में 380 करोड़ लेबर सेस मिला। हमने आर्मी और आल वेदर रोड तथा निर्माण एजेंसियों को पत्र लिखकर इतना अधिक सेस इकठ्ठा किया।
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में दो साल में मजूदरों की मृत्यु होने पर 26 करोड 15 हजार, मजदूरों के बच्चों की की पढ़ाई के लिए 24 करोड़ 55, मजदूरों के बच्चों की शादी के लिए 61 करोड़ 88 लाख और मजदूर के लड़की पैदा होने पर एक करोड़ 38 लाख सीधे मजूदरों के खाते में टासंफर किया गया।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान दो लाख लोगों के खाते में दो-दो हजार करीब सात करोड रुपये डाला। ढाई लाख श्रमिकों को राशन किट बांटे। यही नहीं, ऐसे निर्माण श्रमिकों, जिनके कार्ड नहीं थे उन्हें भी 75 हजार राशन किट बांटे।
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