Home उत्तराखंड महिलाओं को आरक्षण का विधेयक और 5440 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन...

महिलाओं को आरक्षण का विधेयक और 5440 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन में पेश

देहरादून। विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। सदन में आज प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 4867 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने कानून व्यवस्था पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। राज्य में गुंडाराज है। सरकार राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल हो गई है। चकराता से कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि अंकिता भंडारी मर्डर केस में बुलडोजर चलाने वाले पर अभी तक कोई र्कावाई नहीं हुई है। सरकार इस केस में वीआईपी का नाम भी उजागर नही ंकर पाई है।
सदन की कार्यवाही के दौरान हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के सवाल को स्थगित किये जाने पर विपक्ष नाराज हो गया। सुमित हृदयेश ने रिंग रोड बनाये जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा का प्रश्न उठाया था। इस पर सत्ता पक्ष ने कहा कि रिंग रोड एनएएचआइ के तहत बन रही है।

अनुपूरक मांगों का विवरण
                                                                  (धनराशि हजार रु0 में)
क्र0सं0_____व्यय का स्वरूप____मतदेय________भारित_______योग
1 ________राजस्व लेखा________20724603_____2039705____22764308
2 _______ पूँजी लेखा _________11539983 _____20100000 __31639983
 योग ________________________________54404291

अनूपूरक 2022-23 में प्रावधानित अनुदानवार विवरण

विधानसभा में धरने पर बैठे विधायक तिलकराज बेहड़
सत्र शुरू होने से पहले ही किच्छा में कानून व्यवस्था को लेकर विधायक तिलकराज बेहड़ विधान सभा में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। गुंडा गर्दी से लोगों में खौफ का माहौल है। किसानों का शोषण हो रहा है।

मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार प्रतिबद्धः धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड की मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। राज्याधीन सरकारी सेवाओं में उनके 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को संरक्षित करने के लिए हमने राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया है, ताकि उनके हितों का समुचित संरक्षण हो सके।

 

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