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वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत गुंजी, नीति, मलारी, माणा गांवों का हुआ चयन
देहरादून। स्वदेश दर्शन योजना-2.2 के तहत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जनपदों में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के लिए भारत सरकार ने 140 करोड रुपए की धनराशि स्वीकृत की है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रथम चरण में 70 करोड़ की लागत से पिथौरागढ़ स्थित आदि कैलाश, गुंजी आदि क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ-साथ मैनेजमेंट प्लांट तैयार किया जाएगा। जनपद में बॉर्डर टूरिस्ट को बढ़ावा देने के साथ-साथ खालिया टॉप में स्कीईंग, पंचाचुली पीक, बिर्थी वाटरफॉल सहित मुनस्यारी, मदकोट, जौलजीबी पाताल भुवनेश्वर आदि स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास कर इको टूरिज्म एवं एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी प्लान तैयार किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद की तरह ही जनपद चंपावत में 70 करोड़ की धनराशि से स्वदेश दर्शन योजना 2.2 के अंतर्गत कल्चर एवं हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पूर्णागिरि, एबॉट माउंट, नंदा दूर सेंचुरी अद्वैत आश्रम मायावती में पर्यटकों के लिए अनेक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जनपद के चूका क्षेत्र में इको हेरिटेज एवं एडवेंचर गतिविधियों को भी इस योजना के माध्यम से बढ़ावा दिया जायेगा।
महाराज ने कहा कि भारत सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत प्रदेश के 4 गांवों गुंजी, नीति, मलारी और माणा का भी चयन किया गया है। इन चारों वाइब्रेंट विलेज में पाउडर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ रिवर्स माइग्रेशन एवं स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ वहां की आर्थिक को सुधारने का प्रयास किया जाएगा।