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विद्या समीक्षा केन्द्र, स्मार्ट कक्षा, अगले सत्र के लिए पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण के लिए अधीनस्थों को दिए दिशा-निर्देश
देहरादून। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने आज राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के सभागार में विभागीय कार्यों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य रुप से राज्य में स्थापित किए जाने वाले विद्या समीक्षा केन्द्र और शैक्षिक सत्र 2023-24 में राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को शैक्षिक सत्र के शुरू में ही पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने क लिए पुस्तकों की प्रीटिंग पर चर्चा की गई।
राज्य में स्थापित किए जाने वाले विद्या समीक्षा केन्द्र की आवश्यकता एवं महत्व को देखते हुए महानिदेशक ने बैठक में विभागीय शीर्ष अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। बैठक में इस कार्य के लिए शासन स्तर से नामित भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम टीसीआईएल के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
बैठक में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा में उपलब्ध कक्षों मे करने का निर्णय लिया गया। टीसीआईएल के प्रतिनिधियांे द्वारा विद्या समीक्षा केन्द्र पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा तिवारी ने कहा कि विद्या समीक्षा केन्द्र का कार्य क्षेत्र विस्तृत होगा, जिसमें विद्यालयों और छात्रों से संबंधित विस्तृत सूचनाएं अपडेट होंगी तथा रियल टाइम आधिारित होंगी। प्रत्येक विद्यालय के समस्त भौतिक संसाधनों की अद्यतन स्थिति, व्यय विवरण, सीएसआर के अन्तर्गत किए गए कार्य, उन पर व्यय धनराशि और छात्रवृत्ति जैसी समस्त सूचनाओं का अंकन इसमें होगा। छात्र सम्प्राप्ति स्तर के लिए गुजरात माॅडल के अनुरूप इसमें व्यवस्था होगी। इसका उपयोग आॅनलाइन छात्र-अध्यापक उपस्थिति और आॅनलाइन स्थानान्तरण के लिए भी किया जाएगा।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के लिए शीघ्र भ्रमण दल बनाए जाएं तथा टीसीआईएल के प्रतिनिधि भी गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं एनसीईआरटी द्वारा किये गये कार्यों का अध्ययन कर उसके आधार पर कार्ययोजना प्रस्तुत करंे।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित कार्यों को, जो कि विद्या समीक्षा केन्द्र का हिस्सा होंगे, के लिए मानक तैयार करते हुए राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध करा दें। अधिकारी इसे गम्भीरता से लेें और निरंतर समीक्षा करें। उन्होंने टीसीआईएल के प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस माह के अन्त या जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसकी प्रगति की जानकारी महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा/राज्य परियोजना कार्यालय को दें।
बैठक में अगले शैक्षिक सत्र में छात्रों को समय पर पाठय् पुस्तक मिल सके, इसके लिए मुद्रण से संबंधित प्रक्रिया तत्काल शुरू कराने के निर्देश दिए। डीजी तिवारी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के लिए संघर्ष करने वाले राज्य आन्दोलनकारियों से संबंधित पठन सामग्री को पाठ्यचर्या का हिस्सा बनाया जाय तथा पाठ्य पुस्तकों में इसको सम्मिलित करने के लिए सुसंगत प्रस्ताव तैयार हो सके, इसके लिए समिति भी गठित की गयी।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बैठक में राज्य में स्थापित किये जा रहे स्मार्ट कक्षाओं की समीक्षा करते हुए टीसीआईएल के प्रतिनिधियांे को तत्काल कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
डीजी तिवारी ने एससीईआरटी के भवन एवं विभिन्न जनपदों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में बन रहे छात्रावासों की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि छात्रावासों के भवन के डिजायन स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाय। उन्होंने डायट बड़कोट उत्तरकाशी का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ठंड एवं बर्फ की परिस्थितियों को देखते ठंड से बचने के उपायों को अपनाते हुए भवन निर्माण किय जाए।
बैठक में निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरक कुंवर, अपर निदेशक महानिदेशालय रामकृष्ण उनियाल, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा एसपी खाली, अपर निदेशक एससीईआरटी डाॅ. आरडी शर्मा, अपर राज्य परियोजना निदेशक आकाश सारस्वत, मदन मोहन जोशी, बीपी मैंदोली आदि के साथ ही टीसीआईएल की ओर से मनीष तिवारी मौजूद थे।