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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री धामी के संज्ञान में लाया मामला
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मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
देहरादून। लगभग 11 साल पहले भाजपा के शासनकाल में देहरादून जिले के झाझरा, सुद्धोवाला में आपदा प्रबंधन विभाग को आवंटित जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर लोगों को बेच दी। अब इस जमीन पर मकान बन गए। गैस गोदाम बन गया। यही नहीं, निजी बोरवेल तक खुद गया। अभी भी यहां पर प्लाटिंग जारी है। भाजप के प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र जुगरान ने आज मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बड़े जमीन घोटाले की आशंका जताते हुए इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री ने मुख्यसचिव को तत्काल जांच के निर्देश दे दिए हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र जुगरान ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग को वर्ष 2011 में 70 बीघा (5.29 हेक्टयर) भूमि झाझरा सुद्धोवाला में आवंटित की गयी थी, जिसमें से 10 बीघा भूमि आपदा प्रबंधन विभाग ने NDRF (National Disaster Response Force) को हस्तांतरित कर दी थी और शेष 60 बीघा भूमि अपने पास रखी थी।
जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि शेष बची 60 बीघा भूमि में से लगभग 40 बीघा भूमि पर इन 11 वर्षों में लोगों ने कब्जा करके अवैध निर्माण कर दिये हैं, लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग और राजस्व विभाग मूकदर्शक बने रहे। जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग और राजस्व विभाग की सहमति के बिना इस सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करना व अवैध निर्माण करना कैसे संभव है।
रविन्द्र जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि बड़ी हैरानी की बात है कि आपदा प्रबंधन विभाग को आवंटित इस भूमि पर अभी भी लगातार अवैध कब्जे हो रहे हैं और लोगों द्वारा इस भूमि पर अपने निजी आवास बना लिये गये हैं। ये सभी आवास भूमि आवंटन के बाद बनाए गये हैं। सरकारी भूमि पर निजी आवास कैसे बना दिये गए। आपदा प्रबंधन विभाग ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं की। इस भूमि पर अवैध प्लाटिंग भी की गयी है। लोगों ने अपने-अपने कब्जा किये गये प्लाट् पर चारदीवारी भी बना दी। इस भूमि पर अवैध कब्जा करके एक गैस एजेंसी का गोदाम भी बनाया गया है, इसमें गैस गोदाम बनाने की अनुमति किसने और कैसे दे दी।
भाजपा नेता जुगरान ने कहा कि इस भूमि पर एक निजी बोरवेल भी खुदवाया गया है, जिसमें सबमर्सिबल पंप लगाकर पानी की सप्लाई की जा रही है। यह जांच की जानी चाहिये कि यह बोरवेल किसकी अनुमति से खुदवाया गया है। सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के बोरवेल कैसे खुदवा दिया गया, आपदा प्रबंधन विभाग ने इसमें आपत्ति क्यों नहीं की।
जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि आपदा विभाग द्वारा इन 11 वर्षों में इस भूमि का किसी भी प्रकार से कोई उपयोग नहीं किया गया, क्यों नहीं किया इसका स्पष्टीकरण आपदा प्रबंधन विभाग से लिया जाये। साथ ही यह भी जांच की जाये कि इस सरकारी भूमि को खुर्द-बुर्द करने और इसमें अवैध कब्जा करवाने में आपदा प्रबंधन विभाग और राजस्व विभाग के कौन कौन से अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित हैं। किस लालच में इस भूमि पर अवैध कब्जा और अवैध निर्माण करने की मूकसहमती प्रदान की गयी। जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह एक बहुत बड़ा भूमि घोटाला है जिसकी निष्पक्ष और त्वरित जांच एसआई या विजिलेंस से करवाई जाये। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण पर सख्त कार्यवाही करने की बात कही है।